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ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिये मतदान, कट्टरपंथियों को फायदे का अनुमान

ईरान में शुक्रवार को हुए मतदान के देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई (Ayatollah Ali Khamenei) के एक कट्टर समर्थक के पक्ष में होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिस कारण लोगों में कम उत्साह नजर आ रहा है साथ ही इस्लामी गणराज्य में इनके बहिष्कार का आह्वान भी किया गया. कोरोना महामारी समेत कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे स्थानीय लोगों के बीच मतदान को लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं देखा गया.

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Published : Jun 18, 2021, 6:38 PM IST

अयातुल्ला अली खामनेई
अयातुल्ला अली खामनेई

दुबई :ईरान (Iran) में शुक्रवार को हुए मतदान के देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई (Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei) के एक कट्टर समर्थक के पक्ष में होने की उम्मीद है, जिसके बाद सार्वजनिक रूप से उत्साह कम नजर आ रहा है और इस्लामी गणराज्य में इनके बहिष्कार का आह्वान भी किया गया.

सरकार से संबद्ध ओपिनियन पोल और विश्लेषकों ने कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) को पद के लिये दावेदारी जता रहे चार उम्मीदवारों में से सबसे प्रबल करार दिया है. 'सेंट्रल बैंक' (Central Bank) के पूर्व प्रमुख अब्दुलनासिर हेम्माती (Abdulnasir Hemmati) भी उदारवादी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रुहानी (Hassan Rouhani) जैसा समर्थन उन्हें हासिल नहीं है.

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रायसी अगर निर्वाचित होते हैं तो वह पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिस पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है. उन पर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिये तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था.

उनकी जीत होती है तो इससे ईरानी सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी वो भी ऐसे समय में जब विश्व शक्तियों के साथ ईरान के पटरी से उतर चुके परमाणु करार को बचाने की कोशिश के तहत वियना में वार्ता जारी है. ईरान फिलहाल परमाणु हथियार बनाने की श्रेणी के बेहद करीबी स्तर पर यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है.

अमेरिका और इजराइल के साथ तनाव
इसे लेकर अमेरिका और इजराइल के साथ उसका तनाव काफी बढ़ा हुआ है. माना जाता है कि इन दोनों देशों में ईरानी परमाणु केंद्रों पर कई हमले किये और दशकों पहले उसके सैन्य परमाणु कार्यक्रम को बनाने वाले वैज्ञानिक की हत्या करवाई.

मतदान की प्रक्रिया स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हुई लेकिन खामनेई के तहत बनाई गई एक समिति द्वारा सुधारवादियों और रुहानी के साथ जुड़े सैकड़ों उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोके जाने के बाद चुनाव को लेकर जनता में व्यापक रूप से उदासीनता दिखी.

खामनेई में तेहरान में औपचारिक रूप से वोट डाला और लोगों से भी मतदान में हिस्सा लेने का अनुरोध किया. खामनेई ने कहा, 'लोगों की भागीदारी से देश और इस्लामी शासन व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में महान स्थान मिलेगा, लेकिन जिन लोगों को इसका सबसे पहले फायदा होगा वो खुद ईरान के लोग होंगे.'

मतदान करने पहुंच रयासी ने पहली काली पगड़ी
खामनेई ने कहा, 'आगे बढ़िये, चुनिए और वोट कीजिए.' हालांकि आधा दिन बीतने तक 2017 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले मतदान का प्रतिशत काफी नीचे लग रहा है. सरकारी टीवी पर जो कुछ तस्वीरें दिखाई जा रही थीं, उनमें मतदान के शुरुआती घंटों में कुछ ही मतदाता नजर आ रहे थे, जो लोग ऐसे ही कुछ और मतदान केंद्रों से गुजरे उन्होंने कहा कि हर जगह कमोबेश यही हालात थे.

वोटिंग में विशेष उत्साह नहीं
मतदान के लिये पहुंचे रयासी ने काली पगड़ी पहन रखी थी जिससे उनकी पहचान शिया परंपरा में पैगंबर मोहम्मद के प्रत्यक्ष वंशज के तौर पर होती है और उन्होंने दक्षिणी तेहरान की एक मस्जिद में मतदान किया. ईरान इस समय कोविड-19 महामारी, वैश्विक अलगाव, व्यापक अमेरिकी प्रतिबंधों और बढ़ती महंगाई जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, इसलिए चुनाव को लेकर मतदाताओं के बीच कोई खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा.

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ईरान के आठ करोड़ से अधिक लोगों में से 5.9 करोड़ लोगों को मताधिकार हासिल है. हालांकि सरकारी 'ईरानियन स्टूडेंट पोलिंग एजेंसी' ने कुल 42 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान लगाया है, जो कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से सबसे कम होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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