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सिंगापुर : प्रवासी कामगारों के लिए हुई सरकारी प्रतियोगिता, भारतीय ने जीता प्रथम पुरस्कार - Indian martial art Silambam

सिंगापुर में प्रवासी कामगारों के लिए भारतीय मार्शल आर्ट सिलंबम की एक सरकारी प्रतियोगिता आयोजित हुई. इस प्रतियोगिता में एक भारतीय व्यक्ति ने प्रथम पुरस्कार जीता है.

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Published : Jul 6, 2021, 12:31 PM IST

सिंगापुर : सिंगापुर में कोरियोग्राफी तथा परंपरागत भारतीय मार्शल आर्ट सिलंबम की, सरकार प्रायोजित एक प्रतियोगिता में भारतीय व्यक्ति ने प्रथम पुरस्कार जीता है.

तमिलनाडु के रहने वाले गणेशन संधिराकासन (33) ने टिकटॉक अकाउंट पर अपने वीडियो पर सबसे ज्यादा 'लाइक' और 'व्यूज' पाने के बाद प्रतिस्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल किया है. उन्होंने भारत में चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से प्रचलित परंपरागत मार्शल आर्ट विधा सिलंबम की इस प्रतियोगिता में 19 अन्य प्रतिभागियों को पीछे छोड़ दिया. गणेशन को पुरस्कार स्वरूप एक हजार सिंगापुर डॉलर (लगभग 55,000 रुपये) मिले.

सिंगापुर में काम करने वाले प्रवासी कर्मियों के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी और इसका अंतिम एपिसोड सोमवार रात प्रसारित किया गया. यह प्रतिस्पर्धा तमिल श्रृंखला 'चिल्ल पन्नू माप्पी' का हिस्सा है जिसे संचार और सूचना मंत्रालय ने आयोजित किया और प्रवासी श्रमिकों के लिए इसके निर्माण की जिम्मेदारी कॉस्मिक अल्टिमा पिक्चर्स ने निभाई.

शो के कार्यकारी निर्माता एस एस विश्वनाथन ने बताया कि प्रतियोगिता के तहत प्रवासी कामगारों को अपनी प्रतिभा के वीडियो भेजने थे और आयोजकों को 600 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं.

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गणेशन ने 12 साल की उम्र में मार्शल आर्ट सीखना शुरू किया था और 2010 में पहली सिलंबम विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए रजक पदक हासिल किया था. उन्होंने कहा, वेबसाइट पर विज्ञापन देखने के बाद मैंने प्रतियोगिता में भाग लेने का फैसला किया. कोविड महामारी के दौरान मेरा दफ्तर बंद था. मैं अपना समय किसी काम में लगाना चाहता था. इसलिए, मैंने भारतीय मार्शल आर्ट सिलंबम की कोरियोग्राफी की प्रस्तुति दी.

पिछले सात सालसे सिंगापुर में रह रहे गणेशन पांच साल से ताइक्वांडो सिखाते हैं. उन्होंने कहा मैंने सिलंबम को इसलिए चुना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें और अपनी सेहत के प्रति जागरुक हों.

(पीटीआई-भाषा)

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