संयुक्त राष्ट्र : फिलिस्तीन प्राधिकारियों और इजराइल के बीच समन्वय फिर से बहाल किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए भारत ने दोनों पक्षों के नेतृत्व से अनुरोध किया कि इस अवसर का लाभ उठाएं और द्वि राष्ट्र समाधान के लक्ष्य पर फिर से सीधी बातचीत करें.
इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में शांति हासिल करने के प्रयासों में द्वि राष्ट्र समाधान दशकों से प्राथमिकता रहा है. इस समाधान के तहत इजराइल से लगा एक स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र स्थापित होगा-दो राष्ट्र दो लोगों के लिए. सिद्धांत रूप में फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देते हुए, इसे इजराइल की सुरक्षा हासिल होगी और यहूदी जनसांख्यिकी बहुमत (देश को यहूदी और लोकतांत्रिक बने रहने देना) बरकरार रखने की मंजूरी होगी.
अधिकतर सरकारों और संयुक्त राष्ट्र समेत विश्व निकायों ने द्वि राष्ट्र समाधान की उपलब्धि को सरकारी नीति के तौर पर निर्धारित किया है. यह लक्ष्य दशकों से शांति वार्ता का आधार रहा है.
'क्वेश्चन ऑफ फिलिस्तीन' (फिलिस्तीन का सवाल) विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए बुधवार को संरा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इजराइल-फिलिस्तीन विवाद भी लगभग उतना ही पुराना है जितना खुद संयुक्त राष्ट्र, लेकिन अपने लिए एक राष्ट्र की फिलिस्तीन लोगों की आकांक्षा अधूरी ही रही.
उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता 2014 से बाधित हैं. जमीनी स्तर पर गतिविधियां इन वार्ताओं की बहाली के लिए अनुकूल माहौल नहीं बना रहीं. हम पक्षों से उन कदमों से बचने का अनुरोध करते हैं, जो वार्ता बहाली की राह में अड़चन डालते हों,'