वाशिंगटन : भारत ने संयुक्त राष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर लंबित वैश्विक सम्मेलन आयोजित कराने का आह्वान किया है. भारत ने दुनियाभर में प्रार्थनास्थलों पर हो रहे हमले को देखते हुए इस सम्मेलन की मांग की है. बता दें कि गत बुधवार को जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था.
भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) आयोजित करने को लेकर एक मसौदा दस्तावेज संयुक्त राष्ट्र में 1986 में पेश किया था लेकिन यह लागू नहीं हो सका क्योंकि सदस्य राष्ट्रों के बीच आतंकवाद की परिभाषा को लेकर एक राय नहीं बन पाई थी.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने श्रीलंका में ईस्टर संडे के हमले में मारे गए लोगों की याद में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक खाका का जल्द तैयार होना श्रीलंका में आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि होगी.
उन्होंने कहा, 'प्रार्थनास्थलों और मनोरंजन स्थलों पर नृशंस और कायराना हमले ने विभिन्न देशों के सैकड़ों नागरिकों के निर्दोष लोगों की जान ले ली. यह इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवाद सिर्फ आजीविका के साधन और लोगों की जिंदगियां ही नहीं बर्बाद करता है बल्कि समाज को छिन्न-भिन्न करता, देश को अस्थिर करता है और डर के वास्ते ही डर पैदा कर मानवीय विश्वास को तोड़ता है.'
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अकबरूद्दीन ने इस दौरान यह सम्मेलन आयोजित कराने के संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के स्थायी दूत अमृत रोहन पेरेरा के प्रयास का भी जिक्र किया.
यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के स्थायी मिशन और महासभा की अध्यक्ष द्वारा सह-आयोजित किया गया था.
अकबरूद्दीन ने कहा, 'उनके देश के पीड़ितों को श्रद्धांजिल देने के तौर पर हम कोशिश कर सकते हैं कि इस खतरे से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय खाका तैयार किया जाए.'