इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की प्रशंसा करके अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है. द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पीएम इमरान खान पर "विदेशी वित्त पोषित एजेंट होने का आरोप लगाया है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था और विदेश नीति को नष्ट करने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया है.
पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि खान ने भारत में लोक सभा चुनाव-2019 से पहले भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में बयान जारी करके कश्मीर के मुद्दे को जानबूझकर भारी नुकसान पहुंचाया था. उन्होंने रविवार को पूर्व प्रधान मंत्री और विपक्ष के नेता के साथ जरदारी हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. उस वक्त सीनेट सैयद यूसुफ रजा गिलानी, सीनेटर शेरी रहमान, फैसल करीम कुंडी और शाजिया मारी भी वहां मौजूद थे.
बिलावल ने कहा कि खान विदेश नीति पर अपनी बयानबाजी से जुल्फिकार अली भुट्टो नहीं बन सकते, यह कहते हुए कि उनकी नीतियों ने देश का भला नहीं किया. प्रायोजित एजेंट जो देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने, चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर काम को धीमा करने और पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए हमारे सिस्टम में लगाया गया था.
गलत नीतियों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, पीपीपी अध्यक्ष ने कहा, पाकिस्तान तहरीस ए इंसाफ पार्टी (पीटीआई) सरकार की नीतियों ने पाकिस्तान के दीर्घकालिक सहयोगियों को नाराज कर दिया. इमरान खान सरकार भारत की विदेश नीति को अपना रहे हैं. उनकी विदेश नीति और अभी भारत की विदेश नीति में क्या अंतर है?