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अमेरिका से भारत पहुंची AH-64 E अपाचे हेलीकाप्टर की पहली खेप, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत - भारतीय वायुसेना

AH-64 E अपाचे हेलीकाप्टरों की पहली खेप भारत पहुंच गई है. अमेरिका से करोड़ों रुपये में AH-64 E का सौदा करने वाला भारत 14वां देश है. AH-64 E आने के बाद भारत की सैन्य क्षमता में इजाफा होगा. पढ़ें पूरा विवरण

गाजियाबाद के हिंडन एअरबेस पर पहुंची अपाचे हेलीकाप्टर की तस्वीर

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Published : Jul 28, 2019, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी बोइंग ने शनिवार को भारतीय वायुसेना को 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से पहले चार हेलीकाप्टर सौंप दिये. अगले सप्ताह चार और हेलीकाप्टरों के खेप की आपूर्ति की जाएगी.

बोइंग ने कहा कि अपाचे हेलीकाप्टरों की पहली खेप भारत पहुंच गई है और अतिरिक्त चार हेलीकाप्टरों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को अगले सप्ताह की जाएगी.

कंपनी ने कहा, 'उसके बाद आठ हेलीकाप्टर पठानकोट वायुसेना स्टेशन जाएंगे जिससे कि उन्हें सितम्बर में वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सके.'

AH-64 E अपाचे विश्व के सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक हैं जिसे अमेरिकी सेना उड़ाती है.

भारतीय वायुसेना ने सितम्बर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकाप्टरों के लिए करोड़ों डालर के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे.

गाजियाबाद के हिंडन एअरबेस पर पहुंची अपाचे हेलीकाप्टर

इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने बोइंग से 2017 में 4168 करोड़ रुपये कीमत पर सेना के लिए हथियारों के साथ छह अपाचे हेलीकाप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी. यह सेना का लड़ाकू हेलीकाप्टरों का पहला बेड़ा होगा.

भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अपाचे बेड़े के जुड़ने से बल की लड़ाकू क्षमतओं में काफी वृद्धि होगी क्योंकि हेलीकाप्टर में वायुसेना की भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किये गए हैं.

बोइंग ने एक बयान में कहा, 'अपाचे हेलीकाप्टरों का निर्धारित समय से पहले पहुंचना भारत के रक्षा बलों को आधुनिक बनाने को लेकर बोइंग की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. बोइंग ने भारतीय वायुसेना के साथ अपनी वर्तमान साझेदारी से मिशन तत्परता की उच्च दर और परिचालन क्षमताओं में वृद्धि सुनिश्चित की है.'

कंपनी ने पूरी दुनिया में अपने उपभोक्ताओं को 2200 से अधिक अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति की है और भारत 14वां देश है जिसने उसे अपनी सेना के लिए चुना है.

बोइंग ने कहा, '2020 तक भारतीय वायुसेना 22 अपाचे हेलीकाप्टरों का बेड़ा संचालित करेगा और ये पहली आपूर्ति निर्धारित समय से पहले है.'

AH-64 E में नवीनतम प्रौद्योगिकी का जिक्र करते हुए बोइंग ने कहा कि इससे यह हेलीकाप्टर विश्व का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकाप्टर का स्थान बरकरार रख सकेगा.

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AH-64 E अपाचे ने भारतीय वायुसेना के लिए अपनी पहली सफल उड़ानें जुलाई 2018 में पूरी की थी. भारतीय वायुसेना के पहले दल ने अपाचे हेलीकाप्टर उड़ाने का अपना प्रशिक्षण अमेरिका में 2018 में शुरू किया था.

इस हेलीकाप्टर कमांडर की जरुरतों के मुताबिक चलता है.इस हेलीकाप्टर में पहचाने की क्षमता,सुरक्षा,धातक हमले के लिए तथा शांति तरीके से मिशन को पूरा करने कि क्षमता है.तथा यह पुन: संयोजन के बिना यह जमीन और तटीय क्षेत्रों मे घातक हमला करने में सक्षम है.

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