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हांगकांग ने वापस लिया विवादित प्रत्यर्पण बिल

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Published : Oct 23, 2019, 12:28 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 6:29 PM IST

हांगकांग की सरकार ने विवादित प्रत्यर्पण बिल को औपचारिक रूप से वापस ले लिया है. इस बिल के विरोध में लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन चल रहा था. इसकी घोषणा का अनुमान पहले से ही था. इस विधेयक के खिलाफ पूरे हांगकांग में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने जुलाई में घोषणा की थी कि वह विधेयक को निलंबित कर देगी. जानें विस्तार से...

सुरक्षा सचिव जॉन ली

हांगकांग/बीजिंग : हांगकांग के अधिकारियों ने विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को औपचारिक रूप से वापस ले लिया है. दरअसल संसद में इस विवादास्पद विधेयक के औपचारिक रूप से वापस ले लिए जाने की संभावना पहले से थी.

बता दें इस बिल को लेकर अर्ध-स्वायत्त चीनी शहर में महीनों से अराजक विरोध प्रदर्शन हो रहा था.

दरअसल इसकी घोषणा बुधवार को सुरक्षा प्रमुख द्वारा शहर के विधायिका में बिल की वापसी की घोषणा का अनुमान था.

जॉन ली का बयान

उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के खिलाफ पूरे हांगकांग में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने जुलाई में घोषणा की थी कि वह विधेयक को निलंबित कर देगी.

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हत्यारोपी के मामले मे उलझन

हांगकांग की नेता कैरी लैम ने एक संदिग्ध हत्यारोपी के मामले को सुलझाने के लिए संशोधनों का प्रस्ताव किया था, जब चान टोंग-काई (20) के ऊपर पिछले साल ताईवान में उसकी गर्भवती प्रेमिका की हत्या करने का आरोप लगा था.

उसके बाद वह वापस हांगकांग आ गया था, लेकिन हांगकांग और ताईवान के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, और तब उसका मामला सामने आया, जिसके बाद सरकार ने संशोधन विधेयक पेश किया. उस समय वह धन शोधन के मामले में जेल में था.

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क्या था प्रस्तावित विधेयक

इस प्रस्तावित विधेयक के पारित होने की स्थिति में हांगकांग संदिग्ध अपराधियों को चीन, ताईवान और मकाऊ जैसे देशों में प्रत्यर्पित कर सकता था, जिन देशों के साथ उसकी प्रत्यर्पण संधि नहीं है.

लेकिन इस प्रस्ताव ने हांगकांग के निवासियों में व्यापक भय पैदा किया, जो अपनी स्वतंत्र अदालतों को बनाए रखता. इससे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी-नियंत्रित न्यायिक प्रणाली में भेजे जाने का खतरा है. उग्र विरोध के कारण लैम पिछले महीने घोषणा करने के लिए मजबूर हो गई थी कि वह बिल वापस लेगी.

इसके साथ बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारी कर रहे लोगों की पांच प्रमुख मांगे थी. उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता के आरोपों की स्वतंत्र जांच, हिरासत में लिए गए लोगों की बिना शर्त रिहाई, विरोध प्रदर्शनों को दंगों के रूप में लेबल नहीं करना और शहर के नेता के लिए प्रत्यक्ष चुनाव की मांग की थी.

गौरतलब है कि इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत जून में हुई और तब से लगातार अनिश्चितता के दौर से हांगकांग गुजर रहा था.

Last Updated : Oct 23, 2019, 6:29 PM IST

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