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'हाफिज सईद की गिरफ्तारी आखों में धूल झोंकने जैसा है'

पाकिस्तान सरकार में हाफिज सईद की गिरफ्तारी अमेरिका को लुभाने के लिए किया गया ढोंग है. यह बयान पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक ने दिया है. पूर्व राजनयिक का मानना है कि ये कार्रवाई मौका देख कर की गई है, और पूरी कवायद आखों में धूल झोकने की है. जानें पूरा मामला...

हाफिज सईद (फईल फोटो)

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Published : Jul 25, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 1:49 PM IST

नई दिल्लीः आतंकवादी हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान अपनी पीठ थपथपा रहा है. पाकिस्तान दावा कर रहा है कि वो अपनी जमीन से आतंकवाद के खात्मे के लिए अडिग है. सईद की गिरफ्तारी इमरान खान के अमेरिका के दौरे के ठीक पहले हुई है. ऐसे में पाकिस्तान के राजनयिक की मानें तो इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई कुछ और ही है.

पाकिस्तान के लंदन के लिए पूर्व राजनयिक वाजिद शम्सुल हसन ने कहा कि इस पूरी कार्रवाई के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है. अपने आलेख में हसन बताते हैं कि कैसे मुंबई हमलों के मास्टर माईंड की गिरफ्तारी सिर्फ अमेरिका को खुश करने की खोखली कोशिश है.

हसन ने एक न्यूज पोर्टल 'सुर्खियां' पर इस विषय पर अपने विचार रखे. हसन लिखते हैं कि 'नौवीं बार जमात-उद-दवा का प्रमुख की गिरफ्तारी का इमरान खान की वाशिंगटन यात्रा से काफी कुछ लेना देना है.'

सईद की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ने ट्वीट करके कहा कि यह उनके प्रयासों के लिए बड़ी सफलता है. न सिर्फ अमेरिका की दृष्टि से सईद का मामला बेहद जरूरी है, बल्कि पाक जहां पर सईद उच्च स्तर का प्रॉक्सी योद्धा है वहां पर भी इसके काफी मायने हैं.

सईद पर इमरान खान की नई रणनीति के तहत पाक द्वारा कार्रवाई की गई है. इसके तहत चरमपंथी तत्वों को खत्म कर भारत और अन्य देशों से पाक के संबधों को सुधारना है. इस पर हसन कहते हैं कि सच कुछ और ही है.

पूर्व राजनयिक ने बताया कि सईद के करीबी सूत्रों का दावा है कि 'अमेरिका ने पाकिस्तान पर सईद और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया है. ऐसा माना जाता है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध करने के लिए सईद और जमात-उद-दवा की मदद लेता है.'

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हसन ने बताया कि सईद गिरफ्तारी के बाद अपने सहयोगियों से मिला और कहा कि 'उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पाकिस्तानी नेताओं की अमेरिका को गुमराह करने की साजिश भर है.'

हसन ने इस बात पर जोर दिया कि 'चरमपंथी तत्वों का मानना है कि पाक सरकार भारत अधिकृत कश्मीर पर कब्जा नहीं कर पाएगी. अंत मे पाक सेना को प्रॉक्सी योद्धाओं का सहारा लेना पड़ेगा. वह कश्मीर मुद्दे को जीवित रखेगें और पाक सेना की मर्जी पर भारत पर हमले करते रहेंगे.'

हसन अपने आलेख में लिखते हैं कि 'इमरान खान इस बात को दबाना चाहते हैं कि उन्हीं की सरकार के लोग विभिन्न चरमपंथी समूहों से जुड़े हैं. हसन ने बताया कि पाक सरकार के आंतरिक मंत्री और आईएसआई के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डैनियल पर्ल के अपहरणकर्ता उमर सईद शेख को शरण देने के मामले मे वाशिंगटन के शक के घेरे में हैं. सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एजाज शाह पर विभिन्न चरमपंथी समूहों के साथ जुड़े होने का भी आरोप है.'

Last Updated : Jul 25, 2019, 1:49 PM IST

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