हांगकांग : हांगकांग में पुलिस ने शनिवार को एक जुलाई को होने वाली वार्षिक लोकतंत्र समर्थक रैली को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है. इस रैली को 17 साल में पहली बार प्रतिबंधित किया गया है.
1997 से हांगकांग के द्वारा हर साल इस विरोध रैली का आयोजन किया जाता है. जब क्षेत्र का नियंत्रण वापस चीनी को सौंप दिया गया था. तब तक हांगकांग ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन था.
इस साल एक जुलाई को निकलने वाली रैली का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर था. मानवाधिकार समूहों को डर है कि वह आधे स्वराज्य के अधीन स्वतंत्रता का हनन कर सकता है.
चीन ने मई में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का प्रारुप तैयार करने की घोषणा की जिसे उसके क्षेत्र में लागू किया जाएगा. इसमें हांगकांग भी शामिल है. इससे आतंकवाद और अलगाववाद राज्य सत्ता को तोड़कर विदेशी हस्तक्षेप से निपटा जा सकेगा.
व्यापक विधेयक जो हांगकांग की विधायिका को दरकिनार कर देगा, इसका मतलब होगा कि मुख्य भूमि चीन पहली बार अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र में काम करने के लिए अपने राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को प्रत्यारोपित करेगा.
लोकतंत्र समर्थक नागरिक मानवाधिकार मोर्चा (सीएचआरएफ) को भेजे गए एक पत्र में इस प्रकृति के हालिया विरोध में अधिकारियों ने हिंसक घटनाओं का आरोप लगाया और बताया कि कोरोनावायरस महामरी पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह गंभीर खतरा पैदा करेगा.
पढ़ें-हांगकांग : सुरक्षा कानून से लोकतंत्र समर्थकों को चीन प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा
सीएचआरएफ द्वारा फेसबुक पर प्रकाशित पत्र कहा गया कि लगातार सामाजिक अशांति के कारण हांगकांग पुलिस ने सतर्कता से जोखिमों का आकलन किया है और विश्वास है कि इस सार्वजनिक सभा के कुछ प्रतिभागी सार्वजनिक जुलूस नियोजित रैली स्थान से प्रस्थान कर सकता है.