दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

अर्मेनिया और अजरबैजान संघर्ष, यहां जाने विस्तार से

शांति के लिए वैश्विक आह्वान के बावजूद आर्मेनिया और अजरबैजान का संघर्ष नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्र में व्यापक है. यह क्षेत्र अंतरराष्‍ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्‍सा है लेकिन उस पर 1994 से आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्‍जा है.

Armenia Azerbaijan conflict
अर्मेनिया और अजरबैजान संघर्ष

By

Published : Oct 3, 2020, 5:44 PM IST

येरवान : आर्मेनिया और अजरबैजान नागोर्नो-काराबाख के अलगाववादी क्षेत्र को लेकर लगातार पांचवें दिन दोनों देशों के बीच लड़ाई जारी है. इसमें सैकड़ों सैनिकों की जान गई.

अर्मेनिया और अजरबैजान संघर्ष

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अर्मेनियाई सेना ने बुधवार सुबह ततार शहर में गोलाबारी शुरू कर दी जिसमें कई लोग घायल हो गए, जबकि अर्मेनियाई सैन्य अधिकारियों ने बताया कि अजरबैजान सेना ने नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में बम गिराए.

हाल ही में हुई लड़ाई

नागोर्नो-काराबाख में लड़ाई रविवार को शुरू हुई. आर्मेनिया ने तुर्की की भागीदारी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को लड़ाई और बढ़ा दी. आर्मेनिया ने दावा किया कि एक तुर्की एफ -16 लड़ाकू जेट ने अर्मेनिया वायुसेना के एसयू -25 पर हमला किया जिसमें पायलट की मौत हो गई.

विवाद (नागोर्नो-काराबाख)

सन् 1988 से दोनों यूरेशियन देश नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं. सन् 1994 में हुए संघर्ष विराम के उल्लंघन के बाद शांति वार्ता हुई, बाबजूद इसके सीमाओं पर मामूली झड़प होती रहीं.

यह क्षेत्र अंतरराष्‍ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्‍सा है लेकिन उस पर 1994 से आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्‍जा है. यह क्षेत्र अर्मेनियाई सीमा से लगभग 50 किलोमीटर दूर है और यह काकेशस पर्वत में स्थित है. यह 4,400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.

मौतों पर क्या कहता है अजरबैजान

लगभग 2,300 अर्मेनियाई सैनिक मारे गए हैं. लगभग 130 टैंक और अन्य बख्तरबंद गाड़ियां 200 तोप और रॉकेट सिस्टम, 25 एयर डिफेंस सिस्टम, छह कमान और अवलोकन चौकियां, पांच गोला-बारूद डिपो और 55 वाहन तबाह हो गए हैं.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि अर्मेनिया का एक एस -300 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम मंगलवार को खोजली क्षेत्र में लड़ाई के दौरान नष्ट हो गया.

क्या कहता है आर्मेनिया

अर्मेनियाई पक्ष के अनुसार, अर्मेनियाई सेना के 790 जवान मारे गए और 1,900 जवान घायल हुए. 137 टैंक और हथियारबंद वाहनों को नष्ट हुए, 72 यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन), सात हेलीकॉप्टर और अजरबैजान सेना का एक विमान नष्ट हुआ.

पाकिस्तानी का हाथ

एक मीडिया द्वारा पोस्ट किए गए दो नागरिकों के बीच हुई टेलीफोनिक बातचीत के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिक अजरबैजान सैनिकों की कथित तौर पर मदद कर रहे हैं.

तुर्की फैक्टर

अर्मेनियाई अधिकारियों ने आरोप लगाया कि तुर्की ड्रोन और एफ -16 लड़ाकू जेट का इस्तेमाल किया गया. वहीं तुर्की ने भी अजरबैजान को हथियारों देने की बात से इनकार किया है और अजरबैजान ने कहा कि उसके पास कोई भी एफ -16 जेट नहीं है.

पढ़ें :-आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष अब भी जारी

हालांकि, तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने बुधवार को कहा कि अगर अजरबैजान सहायता मांगता है तो अंकारा उसे मुहैया कराएगा.

वैश्विक नेताओं ने संयम का आग्रह किया है.

यूरोपीय अधिकारी विरोधी पक्षों के बीच बातचीत करवाने की कोशिश कर रहे हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस, रूस और अमेरिका के बीच वार्ता का आह्वान किया. तीन देश सुरक्षा और सहयोग संगठन द्वारा 1992 में स्थापित किए गए मिन्स्क समूह का हिस्सा हैं. यह समूह इस संघर्ष का हल निकालने की कोशिशों में लगा हुआ है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details