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चीन के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण एलएसी पर मौजूदा स्थिति पैदा हुई : जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि चीन के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण एलएसी पर मौजूदा स्थिति पैदा हुई है.

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Published : Feb 12, 2022, 12:05 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 1:02 PM IST

मेलबर्न : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा स्थिति, चीन द्वारा सीमा पर सैनिकों को एकत्र न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण पैदा हुई है. ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि जब कोई बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय होता है. उन्होंने भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पर एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया..

यह पूछे जाने पर कि क्या शुक्रवार को यहां 'क्वाड' के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा हुई, जयशंकर ने हां में जवाब दिया. उन्होंने कहा, हां, हमने (क्वाड) भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह, हमारे पड़ोस में होने वाले घटनाक्रम की जानकारी एक दूसरे को देने के तरीके का एक हिस्सा है. यह एक ऐसा मसला है जिनमें कई देशों ने को रुचि है. खासतौर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश.’’

जयशंकर ने कहा कि सीमा पर सैनिकों का जमावड़ा न करने के भारत के साथ किए गए लिखित समझौतों की चीन द्वारा 2020 में अवहेलना करने के कारण एलएसी पर मौजूदा स्थिति पैदा हुई. उन्होंने कहा, जब कोई बड़ा देश लिखित समझौतों की अवहेलना करता है तो मुझे लगता है कि यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए वाजिब चिंता का विषय बन जाता है.

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गौरतलब है कि पैंगोंग झील में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हुआ तथा दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों को सीमा पर भेजकर अपनी तैनाती धीरे-धीरे बढ़ा ली है. दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव पैदा हुआ था.

भारत ने खासतौर से छात्रों के लिए ऑस्ट्रेलियाई सीमाओं को खोलने की सराहना की : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलियाई सीमा को खोलने की बहुत सराहना करता है जिससे वापस लौटने का इंतजार कर रहे खासतौर से छात्रों, अस्थायी वीजा धारकों और अलग रह रहे परिवारों को मदद मिलेगी. ऑस्ट्रेलिया टीके की खुराक ले चुके सभी पर्यटकों और कारोबारी यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं 21 फरवरी से खोलेगा. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने महामारी संबंधी पाबंदियों में सात फरवरी को ढील देने की घोषणा की थी.

ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों और स्थानीय निवासियों पर मार्च 2020 को दुनिया की सबसे सख्त यात्रा पाबंदियां लगायी थीं. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने का स्वागत करता हूं, जिससे भारत में इंतजार कर रहे लोगों, खासतौर से छात्रों, अस्थायी वीजा धारकों, अलग रह रहे परिवारों को मदद मिलेगी. इस फैसले की बहुत सराहना की जा रही है. उन्होंने कहा, मुझे कल कुछ छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात करने का अवसर मिला. इस फैसले के बारे में जानकर उनमें काफी उत्साह आ गया है.

ऑस्ट्रेलिया ने अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू करने और सीमा पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की थी. उसने देश में यात्रा के लिए भारत निर्मित कोविशील्ड टीके को मंजूरी दे दी है. जयशंकर ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन मंत्री एलेक्स हॉके से भी मुलाकात की और प्रतिभा, गतिशीलता और वैश्वीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की. ऑस्ट्रेलिया में चीन के बाद भारत के छात्रों की सबसे अधिक संख्या है.

Last Updated : Feb 12, 2022, 1:02 PM IST

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