बीजिंग/नई दिल्ली : विश्व के अधिकतर देश कोरोना के खतरे से जूझ रहे हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे महामारी घोषित चुका है. अब तक कोरोना संक्रमण पांच हजार से अधिक लोगों की जान ले चुका है और दुनियाभर में 1,34,300 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं. अमेरिका ने कोरोना के खतरे को देखते हुए आपातकाल की घोषणा कर दी है तो सऊदी अरब ने शनिवार को कहा कि वह कोरोना वायरस के चलते दो सप्ताह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित रखेगा. इस बीच स्पेन में एक ही दिन में कोरोना वायरस के 1500 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद वहां संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 5700 हो गई है.
अमेरिका ने कोरोना वायरस के चलते कोरोना वायरस राहत विधेयक पास किया है, जिसके तहत कोरोना वायरस की जांच मुफ्त की जाएगी. इसके अलावा वायरस से प्रभावित कर्मचारियों को छुट्टी का प्रावधान भी किया गया है.
ह्वाइट हाउस इसी क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति माइक पेंस के संपर्क में आने वाले सभी लोगों के तापमान की जांच करेगा.
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए नेपाल ने सभी देशों के लिए पहुंचने पर पर्यटक वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा पर्वतारोहण से जुड़ी सभी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है, जिससे कम से कम 20 हजार लोगों की नौकरियों पर संकट आ सकता है.
पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है, वहां एक भारतीय नागरिक को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वह आठ मार्च को मुंबई से रवांडा पहुंचा था.
सऊदी विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए (रविवार 15 मार्च से) दो सप्ताह के लिये अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित करने का फैसला किया है.'
दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की, इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संघीय कोष से सरकार को 50 अरब डॉलर की राशि मिलेगी. ह्वाइट हाउस के लॉन में ट्रंप ने एक बयान में कहा, 'संघीय सरकार की पूर्ण शक्ति का उपयोग करने के लिए मैं आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करता हूं.'
कोरोना वायरस ने चीन में करीब तीन महीने पहले दस्तक दी थी. अब यह वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है.
कोरोना वायरस के दिन-ब-दिन बढ़ते प्रकोप के कारण विश्वभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, अस्पतालों में मरीजों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है. स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, स्टेडियम बंद हो रहे हैं और वित्तीय एवं आर्थिक गतिविधियों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है.
कोविड-19 का संक्रमण दुनियाभर में इतना तेजी से फैल रहा है कि यात्रा प्रतिबंधों एवं समारोह स्थगित किए जाने समेत कई कदम उठाए जाने के बावजूद इसके जल्द काबू होने की उम्मीदें कम हैं. कई नेताओं समेत अनेक जानी-मानी हस्तियां इस संक्रमण की चपेट में आ गई हैं.
आधिकारिक सूत्रों से शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी से अभी तक 5,040 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इस बीमारी के कारण चीन में अभी तक 3,176 लोगों की मौत हुई है. वहीं इटली में 1,016 और ईरान में 514 लोगों की मौत हुई है. दिसंबर में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला आने के बाद से 121 देशों में 1,34,300 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए हैं.
वहीं ईरान में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के लक्ष्य से देश के सुरक्षा बलों को आदेश दिया गया है कि वे अगले 24 घंटे के भीतर देशभर की सड़कें खाली करा दें.
चीन, इटली और ईरान के बाद स्पेन (120 मौत, 4,209 मामले) और दक्षिण कोरिया (67 मौत, 7,979 मामले) इससे सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. जापान में 675 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.
रोम से मिली खबर के अनुसार, कोरोना वायरस से निपटने में मदद करने के लिए नौ चीनी विशेषज्ञों और कई टन चिकित्सकीय सहायता को विशेष विमान के जरिए इटली भेजा गया.
भारत, सूडान, यूक्रेन और नॉर्वे में इस वायरस के कारण पहली मौत हुई है. घाना, केन्या, इथियोपिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस ने अपने क्षेत्रों में इसके पहले मामलों की पुष्टि की है.
भारत में कोरोना वायरस से बृहस्पतिवार को पहली मौत हुई और इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 74 पर पहुंच गई है. अमेरिका में भारतीय दूतावास ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत द्वारा हाल ही में लागू की गई यात्रा पाबंदियों पर सवालों का जवाब देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिन पर चौबीसों घंटे संपर्क किया जा सकता है.
भारत में सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इस्राइल, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका के लिये संचालित की जाने वाली उड़ानों को 30 अप्रैल तक बंद रखने का फैसला किया है.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन से देश के परमाणु कार्यक्रम पर लगे प्रतिबंध तत्काल हटाने की अपील की है और कहा है कि प्रतिबंधों के कारण उसके लिए दवाइयां और चिकित्सकीय उपकरण आयात करना मुश्किल हो गया है.