काबुल : कोरोना महामारी की वजह से अफगानिस्तान में 70 लाख से अधिक बच्चे विपन्नता में जीने को मजबूर हैं. उन्हें उस देश में उनके मूलभूत अधिकार भी नहीं मिल पा रहे हैं, जहां की आधी जनसंख्या 15 साल से कम आयु वर्ग की है. एक मानवाधिकार संगठन 'सेव द चिल्ड्रेन' का कुछ ऐसा ही कहना है.
संस्था की प्रवक्ता मरियम अताई के हवाले से एक समाचार चैनल की रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना महामारी की वजह से 70 लाख से ज्यादा बच्चों के सामने भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं. बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं और पिछले तीन माह से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों पर गौर करें तो अफगानिस्तान में कोरोना संक्रमण के कुल 15,750 मामले सामने आ चुके हैं और इस दौरान कुल 265 मौतें हुई हैं.
यूनिसेफ के आंकड़ों का हवाला देते हुए श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री गुलाम हैदर जिलानी ने कहा कि करीब 60 लाख बच्चों को खतरा है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास करीब 31 लाख बच्चे हैं, जो असुरक्षित हैं और करीब 12 लाख कामकाजी बच्चे हैं.'
अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट कमीशन के प्रवक्ता नईम नजारी ने कहा कि सरकार अपने वादों के विपरीत शिक्षा, बाल विवाह और यौन शोषण के मामले रोकने में विफल रही है.