काठमांडू: चीनी राजदूत होउ यांकी ने गुरुवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' से मुलाकात की.
उल्लेखनीय है कि प्रचंड ने प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को पार्टी के संसदीय दल के नेता और अध्यक्ष के पदों से हटाने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी पर अपना नियंत्रण होने का दावा किया है.
'माय रिपब्लिका' समाचारपत्र ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के करीबी सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रचंड के आवास, खुमलटार में हुई यह बैठक करीब 30 मिनट चली. एनसीपी में टूट के बाद मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर इसमें चर्चा हुई.
प्रचंड गुट के एक करीबी नेता विष्णु रिजाल ने ट्वीट किया, 'चीन की राजदूत होउ यांकी ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' से आज सुबह मुलाकात की. उन्होंने दोनों देशों की द्विपक्षीय चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.'
'काठमांडू पोस्ट' ने प्रचंड के सचिवालय के एक सदस्य के हवाले से अपनी खबर में दावा किया है कि चर्चा अवश्य ही 'समकालीन राजनीतिक घटनाक्रमों के इर्द-गिर्द केंद्रित रही होगी.'
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से उनके शीतल निवास में मंगलवार को मिलने के दो दिनों बाद चीनी राजदूत ने प्रचंड से मुलाकात की है.
'माय रिपब्लिका' की खबर में कहा गया है कि समझा जाता है कि होउ ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के कदम और मध्यावधि चुनावों की घोषणा के बाद के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की होगी.
यह पहला मौका नहीं है जब चीनी राजदूत ने संकट के समय में नेपाल के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप किया है.
होउ ने मई में, राष्ट्रपति भंडारी, प्रधानमंत्री और प्रचंड सहित एनसीपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें की थी. उस वक्त भी ओली पर इस्तीफे के लिए दवाब बढ़ रहा था.
जुलाई में, ओली की कुर्सी बचाने के लिए चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनल और बामदेव गौतम सहित कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी. दरअसल, ओली चीन के प्रति झुकाव रखने को लेकर जाने जाते हैं.
कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने चीनी राजदूत की सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ सिलसिलेवार मुलाकातों को नेपाल के आंतरिक राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है.