बीजिंग : लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों के पीड़ित परिवारों को चीन शांत करने की कोशिश में लगा हुआ है. हालांकि चीन आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता कि झड़प में उसके सैनिकों की मौत हुई थी.
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिन द्वारा लिखा गया है कि मृतकों को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है और यह जानकारी अंततः ही सबको दी जाएगी ताकि नायकों को याद किया जा सके.
गौरतलब है कि चीन में दो दिन पहले ही एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दिखाया गया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के परिवार इस बात से नाराज हैं कि भारतीय सैनिकों की ही तरह उनके शहीदों को कोई सम्मान नहीं मिला. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद संपादकीय में यह बात कही गई है.
हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया है लद्दाख में हिंसक झड़प में 20 से कम चीनी सैनिक मारे गए हैं मगर शी जिनपिंग सरकार ने इस बारे में अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी है.
हू ने 'पीएलए अधिकारियों और सैनिकों को शीर्ष श्रद्धांजलि' देते हुए लिखा, 'चीन की सुरक्षा और चीन की शांति उन पर निर्भर करती है. अब तक चीनी सेना ने मृतकों के बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है. पूर्व सैनिक और फिलहाल मीडिया पेशेवर के तौर पर मैं समझता हूं कि यह दोनों देशों में, विशेष रूप से भारत में, जनता की राय को उत्तेजित नहीं करने के उद्देश्य से एक आवश्यक कदम है. यह बीजिंग की सद्भावना है.