ताइपे : चीन की सरकारी मीडिया ने कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजर के टीके और बुजुर्गों पर इसके असर को लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं, सरकार के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि कोरोना वायरस की शुरुआत अमेरिका की एक सैन्य प्रयोगशाला से हुई.
चीन के टीके और महामारी से निपटने के लिए शुरुआती रणनीति को लेकर आलोचना झेल रही सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी कुछ विशेषज्ञों की उस 'थ्योरी' का समर्थन कर रही है कि फाइजर का टीका बुजुर्गों के लिए नुकसानदेह है.
सरकारी मीडिया और अधिकारी पश्चिम के टीके और कोरोना वायरस के शुरुआती स्थल को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर टीकाकरण की शुरुआत और कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम के वुहान पहुंचने के बाद फिर से दोनों मुद्दे उठाए गए हैं.
चीन के विज्ञान जगत में फर्जी डिग्रियों और अन्य फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाले फेंग शिमिन ने कहा, 'अमेरिका पर दोष मढ़ने का मकसद महामारी से निपटने में चीन की सरकार के शुरुआती कुप्रबंधन से ध्यान हटाना है.'