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चीनी लड़ाकू विमान ताईवान के हवाई क्षेत्र में घुसे, अमेरिकी मंत्री का विरोध

चीन ने अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स एजार के ताईपै दौरे को लेकर अपना विरोध जताया है. इस दौरान चीन ने अपने लड़ाकू विमानों का शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताईवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की.

डिजाइन फोटो
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Published : Aug 10, 2020, 11:11 PM IST

बीजिंग: चीन ने अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स एजार के ताईपै दौरे को लेकर सोमवार को राजनयिक माध्यम से सख्त विरोध दर्ज कराया. वहीं, चीनी लड़ाकू विमानों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताईवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की. इस स्व शासित द्वीप (ताईवान) पर करीब चार दशक में किसी उच्च पदस्थ अमेरिकी पदाधिकारी का यह प्रथम दौरा है. एजार ने ताईवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात के साथ अपना तीन दिवसीय दौरा शुरू किया.

अमेरिका के 1979 में राजनयिक मान्यता ताइपै से हटा कर बीजिंग कर दिये जाने के बाद से ताईवान की यात्रा करने वाले एजार सर्वोच्च रैंक के कैबिनेट सदस्य हैं. वह रविवार को ताईपै पहुंचे.

चीन ताईवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा मानता है और ताईवानी नेताओं से किसी उच्च स्तरीय विदेशी प्रतिनिधि की मुलाकात का मुखर विरोध करता रहा है.

एजार का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका और चीन के बीच संबंध अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. उनके दौरे को बीजिंग के लिये एक बड़ा कूटनीतिक झटका माना जा रहा है, जो यह कहता रहा है कि 'एक चीन नीति' उन सभी देशों के साथ उसकी विदेश नीति का मूल तत्व है, जो उसके साथ राजनयिक संबंध रखते हैं.

चीन से ताईवान की आजादी की दृढ़ समर्थक साई ने कहा कि एजार का ऐतिहासिक दौरा ताईवान-अमेरिका संबंधों के लिये एक 'नयी शुरूआत' है और उन्हें उम्मीद है कि वाशिंगटन एवं ताईपै के बीच सहयोग में और कामयाबी मिलेगी.

वहीं, बीजिंग ने उम्मीद के मुताबिक तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह दौरा ‘एक चीन नीति' के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता का विश्वासघात है.

एजार का दौरा 2018 के ताईवान यात्रा अधिनियम से प्रशस्त हुआ है जो वाशिंगटन को दशकों बाद अपना उच्चतर स्तर का अधिकारी भेजने के लिये प्रोत्साहित करता है.

ताईवान न्यूज की खबर के मुताबिक साई-एजार की बैठक से पहले चीनी लड़ाकू विमानों ने सोमवार को ताईवान जलडमरूमध्य के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की.

ताईवान वायुसेना कमान मुख्यालय ने कहा कि चीनी वायुसेना के शेनयांग जे-11 और चेंगदु जे-10 लड़ाकू विमानों ने ताईवान जलडमरूमध्य में सुबह नौ बजे संक्षिप्त अवधि के लिये ‘मेडियन लाइन’ (दोनों पक्षों के बीच अनाधिकारिक हवाई क्षेत्र सीमा) को पार किया.

मुख्यालय ने कहा कि चीनी लड़ाकू विमानों के मौखिक चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद ताईवानी लड़ाकू विमानों ने शीघ्र ही उन्हें रोका और उनहें ताईवान के हवाई क्षेत्र से बाहर निकाला.

बीजिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ' अमेरिका और ताईवान के बीच आधिकारिक संबंध का चीन सख्त विरोध करता है. '

उन्होंने कहा, 'हमने अमेरिका के समक्ष सख्त विरोध दर्ज कराया है. मैं एक बार फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि ताईवान का प्रश्न चीन, अमेरिका संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. '

प्रवक्ता ने कहा, 'एक चीन का सिद्धांत चीन-अमेरिका संबंधों का आधार है. अमेरिका ने जो किया, वह ताईवान से जुड़े मुद्दों पर उसकी प्रतिबद्धता का गंभीर उल्लंघन है. '

उन्होंने कहा, 'हम अमेरिका से एक चीन के सिद्धांत का अनुपालन करने और ताईवान के साथ अपने आधिकारिक संपर्क बंद करने का अनुरोध करते हैं, चाहे यह जिस किसी रूप में हो. '

प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को ताईवान के साथ अपने संबंध नहीं बढ़ाने चाहिए जिससे कि प्रमुख क्षेत्रों में चीन-अमेरिका के संबंधों और समूचे ताईवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता प्रभावित न हो.

एजार के नेतृत्व में अमेरिकी शिष्टमंडल एक अमेरिकी परिवहन विमान से रविवार को ताईपै के सोंगशान हवाईअड्डे पर पहुंचा. हांगकांग के साउथ चाइना मॉनिंग पोस्ट ने यह खबर दी.

पढ़ें - अमेरिका के साथ अब आगे संबंध सुधारना चाहता है चीन

एजार के नेतृत्व में शिष्टमंडल की प्रथम सार्वजनिक गतिविधि साई के साथ एक बैठक कर उन्हें स्वशासित द्वीप के लिये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन से अवगत कराना तथा लोकतंत्र को प्रोत्साहित करने एवं कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम में उसकी सफलता की सराहना करना था.

एजार ने राट्रपति कार्यालय में साई के साथ अपनी बैठक में कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ताईवान को मजबूत समर्थन एवं दोस्ती का संदेश देना बड़े ही सम्मान की बात है. '

पोस्ट की खबर के मुताबिक एजार ने कहा कि अमेरिका ताईवान की लोकतांत्रिक सफलता की सराहना करता है तथा वाशिंगटन ताईवान के साथ सहयोग एवं साझेदारी मजबूत करना चाहता है.

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ताईवान और अमेरिका के बीच साझेदारी मजबूत करने के लिये एक विधेयक पर हस्ताक्षर किया है तथा 2018 में ताईवान में एक नया अमेरिकी संस्थान भी खोला.

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