बीजिंग: चीन ने अमेरिका द्वारा तिब्बत मामले के लिए विशेष समन्वयक नियुक्त करने के कदम की कड़ी निंदा की है. चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वाशिंगटन का यह कदम तिब्बत को अस्थिर करने की राजनीतिक जालसाजी है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों के सहायक विदेशमंत्री रॉबर्ट डेस्ट्रो को तिब्बत मामले का विशेष समन्वयक नामित किया था.
तिब्बत की भाषाई पहचान की रक्षा की जा सके
पोम्पियो ने कहा कि डेस्ट्रो चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार और दलाई लामा के साथ संवाद को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि तिब्बत की विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की रक्षा की जा सके. इसके साथ-साथ तिब्बत के मानवाधिकार के प्रति सम्मान में सुधार के साथ बहुत कुछ किया जा सके. डेस्ट्रो की नियुक्ति पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया को बताया कि अमेरिका का कदम चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा है.
चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना राजनीतिक जालसाजी
उन्होंने कहा कि तिब्बत मामलों पर कथित विशेष समन्वयक बनाना चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और शीजांग (तिब्बत का चीनी नाम) को अस्थिर करने की पूरी तरह से राजनीतिक जालसाजी है. पहले के विपरीत चीनी अधिकारी हाल में तिब्बत का उल्लेख केवल शीजांग के नाम से ही करते हैं. लिजियान ने कहा कि चीन इसका पूरी तरह से विरोध करता है और उसे कभी मान्यता नहीं देगा. शीजांग के जातीय समूह के लोग चीनी राष्ट्र रूपी वृहद परिवार का हिस्सा हैं.
तिब्बत के सभी लोगों को पूरी धार्मिक आजादी