दिल्ली

delhi

लद्दाख में चीनी सैनिकों की मौत न स्वीकारना भूल छिपाने का प्रयास : रिपोर्ट

By

Published : Jul 14, 2020, 9:35 AM IST

Updated : Jul 14, 2020, 10:45 AM IST

अमेरिका की खुफिया विभाग ने कहा है कि ऐसा लगता है कि चीन देश के लिए अपने सैनिकों द्वारा किए गए अंतिम बलिदान को सम्मान देने के लिए तैयार नहीं है.

china denies burial of pla soldiers
पीएलए के सैनिकों को दफन नहीं किया गया

वॉशिंगटन : अमेरिकी खुफिया विभाग के आकलन के अनुसार, गलवान में मारे गए सैनिकों के परिवारों पर सरकार दबाव बना रही है कि वे शवयात्रा और व्यक्ति के अंतिम संस्कार समारोह का आयोजन न करें. अमेरिकन इंटेलिजेंस के मुताबिक चीन ऐसा इसलिए कर रहा है कि क्योंकि वह नहीं स्वीकार करना चाहता कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक भी मारे गए थे.

अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों और उनके परिजनों के साथ चीन की सरकार गलत व्यवहार कर रही है. पहले तो सरकार यह मानने तैयार नहीं थी की सैनिकों का मौत हुई है और अब सैनिकों के परिवार वालों को शवयात्रा और अंतिम संस्कार के लिए होने वाली रीति-रिवाजों का आयोजन नहीं करने दे रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक चीन सरकार ने गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के परिवार वालों को उन्हें पारंपरिक अंतिम संस्कार समारोह नहीं करने को कहा है. हालांकि, सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकना इसका कारण बताया है. लेकिन इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीनी सरकार हिंसक झड़प की यादों को मिटाने और अपनी भूल को छिपाने में लगी हुई है.

पीएलए सैनिकों का परिवार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस फैसले से आहत और दुखी हैं. वहीं सरकार उन सैनिकों के परिवारों को चुप कराने में भी लगी हुई है जो सोशल मीडिया के जरिए इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत का कहना है कि अगर चीन के पक्ष से पूर्वी लद्दाख में उच्च स्तर पर समझौता किया जाता तो झड़प की स्थिति को टाला जा सकता था. चीन सरकार ने अब तक केवल कुछ ही सैनिकों की मौतों को स्वीकार किया है. भारतीय रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी पक्ष के 43 सैनिक हताहत हुए हैं. वहीं अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना ​​है कि हिंसक झड़प में 35 चीनी सैनिक मारे गए थे.

पहले भी परिजनों को शांत करने की कोशिश

गौरतलब है कि इससे पहले भी यह खबर सामने आई थी कि गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के परिजनों को चीनी सरकार शांत करने में जुटी हुई है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिन द्वारा लिखा गया है कि मृतकों को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है और यह जानकारी अंततः ही सबको दी जाएगी ताकि नायकों को याद किया जा सके.

यह भी पढ़ें- गलवान हिंसा में मारे गए सैनिकों के परिवारों को शांत करने में लगा चीन

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.

यह भी पढ़ें:सीमा पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, दुश्मन चीन के भी 43 सैनिक हताहत

अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे, लेकिन चीन ने हिंसक झड़प के करीब एक महीने बीत जाने के बाद भी चीन ने नहीं बताया है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कितने सैनिक भी मारे गए थे.

यह भी पढ़ें:एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर

Last Updated : Jul 14, 2020, 10:45 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details