बीजिंग : पूरी दुनिया वैश्विक संकट कोविड-19 से जूझ रही है. दुनिया के सभी देशों में कोरोना की वैक्सीन को तैयार करने का काम जारी है. मरने वालों की संख्या बढ़कर करीब ढाई लाख हो गई है और संक्रमित लोगों की संख्या 37 लाख के पार है. ऐसी स्थिति में दुनिया भर में वैक्सीन को लेकर काम तेज हो गया है. लेकिन इस समय चीन से राहत देने वाली एक खबर सामने आयी है कि चीन में बनी कोरोना वायरस की वैक्सीन बंदरों पर प्रभावी साबित हुई है.
पाइकोवैक नाम की इस वैक्सीन को पेइचिंग स्थित सिनोवैक बायोटेक कंपनी ने तैयार की है. यह वैक्सीन शरीर में जाते ही प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी बनाने पर जोर देती है, और एंटीबॉडी वायरस को खत्म करने लगती है.
दरअसल, इस वैक्सीन पर काम करने वाले शोधकर्ताओं ने एक तरह के प्रजाति के बंदरों (रीसस मैकाक्स) को यह वैक्सीन लगायी, और फिर तीन सप्ताह बाद बंदरों को नोवल कोरोनोवायरस से ग्रसित करवाया. एक सप्ताह बाद, जिन बंदरों को भारी संख्या में वैक्सीन दी गई थी, उनके फेफड़ों में वायरस नहीं मिला, जिसका साफ अर्थ है कि यह वैक्सीन असरदार और कामयाब है. इस बीच, जिन बंदरों को पाइकोवैक नाम की यह वैक्सीन नहीं दी गई थी, वे कोरोना वायरस से ग्रसित हैं और उन्हें गंभीर निमोनिया हो गया है. यह वैक्सीन अब मानव पर टेस्ट किया जाएगा.
ऐसा नहीं है कि पाइकोवैक ही एकमात्र वैक्सीन है, जो दुनिया भर में सैकड़ों हजारों लोगों की जान लेने वाली महामारी को समाप्त करने की आशा बांधती है, बल्कि चीनी सैन्य संस्थान द्वारा बनाए गए एक अन्य वैक्सीन का मनुष्यों पर परीक्षण किया जा रहा है. सिनोफर्म कंपनी का उत्पाद, जिसमें पाइकोवैक के समान विधि का उपयोग किया गया है, नैदानिक परीक्षणों के दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है.