दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

चीन ने अमेरिका से कहा- ट्रंप प्रशासन में जो 'गलतियां' हुईं उन्हें ठीक करें

चीन ने बाइडेन प्रशासन से बातचीत में कहा है कि ट्रंप प्रशासन के समय की गई गलतियों को अमेरिका पहले सुधारे. बातचीत में ताइवान व म्यांंमार के अलावा कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया.

चीन ने बाइडन
चीन ने बाइडन

By

Published : Feb 7, 2021, 11:40 AM IST

बीजिंग : चीन ने बाइडेन प्रशासन के साथ अपने पहले संपर्क में शनिवार को अमेरिका से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बीजिंग के प्रति आक्रामक नीतियों की 'गलतियों' को सुधारने के लिए कहा. साथ ही चीन ने कहा कि अमेरिका के साथ उसके संबंधों में ताइवान सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है.

अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप अमेरिका-चीन संबंधों के सभी मुद्दों पर आक्रामक रूप से आगे बढ़े थे. इन मुद्दों में व्यापार युद्ध, विवादित दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को चुनौती देना, ताइवान को उसकी लगातार धमकी, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को हिरासत में रखना, कोरोना वायरस को 'चीनी वायरस' बताना शामिल है.

अमेरिका के नवनियुक्त विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और वरिष्ठ चीनी राजनयिक यांग जिएची ने शनिवार को फोन पर बातचीत के दौरान उन मुद्दों पर चर्चा की जो अगले चार वर्षों में दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों को आकार देंगे.

ब्लिंकन ने यांग से कहा कि बाइडेन प्रशासन चीन को अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार ठहराएगा. उन्होंने यांग के समक्ष शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग और म्यामांर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया.

चीनी राजनयिक ने कहा कि दोनों पक्षों को एक दूसरे के मूल हितों और राजनीतिक प्रणाली के विकल्पों का सम्मान करना चाहिए.

सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पोलितब्यूरो के एक सदस्य और सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक यांग ने चीन के प्रति ट्रंप प्रशासन द्वारा अपनाई गई कठोर नीतियों के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि अमेरिका को 'उस समय हुई गलतियों को सुधारना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन के साथ बिना किसी संघर्ष तथा टकराव के संबंधों को आपसी सम्मान तथा सहयोग की भावना के साथ आगे बढ़ाने पर काम करना चाहिए.

पढ़ें :भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास : सूरतगढ़ सैन्य हवाई अड्‌डे पर उतरे 270 अमेरिकी जवान

सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने यांग के हवाले से बताया कि चीन-अमेरिका संबंधों में ताइवान बहुत महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है. यांग ने विवादित दक्षिण चीन सागर से जुड़े एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका से रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह किया.

म्यामांर में हुए सैन्य तख्तापलट पर ब्लिंकन और यांग के अलग-अलग विचार थे. ब्लिंकन ने जहां म्यामांर में सैन्य तख्तापलट की निंदा की और सैन्य सरकार के खिलाफ प्रतिबंधों की चेतावनी दी तो वहीं यांग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को म्यामांर मुद्दे के उचित समाधान के लिए एक उपयुक्त बाहरी माहौल बनाना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details