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पाकिस्तानी आर्मी का बलूचिस्तान में नरसंहार जारी : बीआरपी - पाकिस्तानी आर्मी

बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) ने पाकिस्तानी आर्मी की तुर्बत घटना को लेकर कड़ी आलोचना की, जिसमें चार वर्षीय ब्रम्श (Bramsh) को उसकी मां के साथ पाकिस्तान सेना समर्थित अपराधियों ने गोली मार दी थी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 9, 2020, 7:21 AM IST

Updated : Jun 9, 2020, 12:34 PM IST

लंदन : बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) ने पाकिस्तानी आर्मी की तुर्बत घटना को लेकर कड़ी आलोचना की, जिसमें चार वर्षीय ब्रम्श (Bramsh) को उसकी मां के साथ पाकिस्तान सेना समर्थित अपराधियों ने गोली मार दी थी.

बीआरपी ने एक ट्वीट में कहा, 'पाकिस्तान सेना के हथियारबंद गुंडों ने तुर्बत के घर में तोड़फोड़ की और मलिक नाज को मार डाला और उसकी चार साल की बेटी को घायल कर दिया.'

बता दें, बलूचिस्तान में चार वर्षीय ब्रम्श (Bramsh) को न्याय दिलाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जिसे पाकिस्तान के सेना समर्थित अपराधियों ने अपनी मां के साथ तुर्बत शहर में गोली मार दी थी.

दुनियाभर में बलूच के लोग सोशल मीडिया पर #JusticeForBramsh अभियान शुरू करके विरोध में शामिल हो गए हैं.

बीआरपी की एक विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी के नेता मंसूर बलूच ने कहा है कि दन्नुक त्रासदी बलूचिस्तान में पाकिस्तान सशस्त्र बलों द्वारा जारी नरसंहार है, जो पिछले कई वर्षों से फिरौती के लिए नागरिकों के अपहरण में लगे हुए हैं.

उन्होंने कहा, 'उन्हें न केवल राज्य द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है, बल्कि आधुनिक हथियार, वाहन और वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है.'

गौरतलब है कि पिछले महीने कुछ अपराधियों ने दन्नुक इलाके में मलिक नाज के घर में घुसकर गोलीबारी शुरू कर दी. इस घटना में नाज की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसकी चार साल की बेटी ब्रम्श (Bramsh) गंभीर रूप से घायल हो गई.

गोलियों की आवाज सुनने के बाद वहां के लोगों ने एक अपराधी को पकड़ लिया, जिसकी अल्ताफ मजार के रूप में पहचान की गई. इसके बाद अल्ताफ ने अपने गिरोह का 'डेथ स्क्वाड' से संबंध बताया.

बता दें, 'डेथ स्क्वैड्स' उन समूहों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जो पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसियों, आईएसआई और एमआई द्वारा समर्थित हैं. बलूच लोगों की हत्या और अपहरण के लिए इन समूहों को सेना द्वारा आउटसोर्स किया जा रहा है.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, पाकिस्तानी सेना लोगों विशेषकर पत्रकारों, छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए लोगों पर अत्याचार करती रहती है. उनका मानना ​​है कि बलूचिस्तान दुनिया के सबसे हिंसक संघर्ष क्षेत्रों में से एक है, जो पाकिस्तानी सैनिकों के कब्जे में है.

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Last Updated : Jun 9, 2020, 12:34 PM IST

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