लंदन : ब्रिटेन में कश्मीर पर ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (एपीपीजी) के सांसदों ने मानवाधिकारों पर एक प्रस्ताव रखा है. जिसकी भारत ने कड़ी निंदा की है. विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में एशिया की मंत्री अमांडा मिलिंग ने बृहस्पतिवार को चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर कश्मीर पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई परिवर्तन न आने की बात दोहराई.
मिलिंग ने कहा कि सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है लेकिन भारत और पाकिस्तान को ही कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थाई राजनीतिक समाधान तलाशना होगा. ब्रिटेन का जिम्मा इसका कोई समाधान देना या मध्यस्थ के तौर पर काम करने का नहीं है.
भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी है. लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया.
उन्होंने 2002 गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय उच्चायोग इस पर दुख जताता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए आज एक साथी लोकतांत्रिक देश की संस्था का दुरुपयोग किया गया.