इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के शांति दूत ने देश के विरोधी नेताओं से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अपने मतभेदों को दरकिनार करने का रविवार को आह्वान किया. साथ ही तालिबान के साथ इस साल के शुरुआत में हुए शांति समझौते पर आगे बढ़ने की अपील की.
जलमय खलीलजाद ने रविवार सुबह ट्वीट किया, 'अफगान लोगों और देश की अपनी कुशलता इस बात पर निर्भर करती है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी जो कि सभी की दुश्मन है, उससे निपटने के लिए सभी पक्ष अपनी पूरी ऊर्जा लगाएं.'
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला, जिन्होंने सितंबर के चुनाव में खुद को विजेता घोषित किया था, उन्हें रमजान के पवित्र माह के दौरान 'अपने हितों से आगे देश के हित को रखना चाहिए.'
उन्होंने सरकार और तालिबान से फरवरी में अमेरिका-तालिबान शांति समझौते के तहत बंदियों के आदान-प्रदान की शर्त पर आगे बढ़ने की अपील की. समझौते में 5,000 तालिबान कैदियों को और चरमपंथियों द्वारा बंदी बनाए गए 1,000 सरकारी कर्मचारियों को रिहा करने पर सहमति बनी थी.
अब तक, गनी ने 550 कैदियों को उम्र, वायरस के खतरे और कैद में बिताए गए समय के आधार पर रिहा किया है. तालिबान ने यह नहीं कहा है कि ये वही कैदी हैं या नहीं जिनकी समझौते में बात हुई है. तालिबान ने 60 बंदियों को छोड़ा है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने रविवार को एक बयान में कहा कि चरमपंथी समूह समझौते के अपने पक्ष को पूरा कर रहा है और वह अफगानिस्तान के अंदर वार्ता के तहत देशव्यापी संघर्षविराम पर बात करने का इच्छुक है.
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की शर्त मानने के बावजूद तालिबान ने सुरक्षा चौकियों पर हमला जारी रखा हुआ है.