हांगकांग: विश्लेषकों का मानना है कि दलाई लामा के स्थाई रूप से भारत में निर्वासन शुरू करने के 60 साल बाद तिब्बत की आजादी का उद्देश्य प्रभावहीन होता हुआ दिखता है. दलाई लामा को तिब्बत के लिए काम करने के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें प्रसिद्धि मिली.
लंदन में स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (एसओएएस) में तिब्बती अध्ययन के संयोजक नाथन हिल ने कहा कि तिब्बत के भीतर चीन ने अपने सख्त शासन के किसी भी संगठित विरोध को प्रभावी तरीके से कमजोर कर दिया है.