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Fukushima radiation : फुकुशिमा रेडिएशन मामले में 6 कैंसर पीड़ितों ने दायर किया मुकदमा - nuclear disaster of 2011

जापान के फुकुशिमा में 2011 की परमाणु आपदा (nuclear disaster of 2011) के समय यहां रहने वाले बच्चे तब से थायराइड कैंसर के शिकार (thyroid cancer victims) हो चुके हैं. इनमें से 6 कैंसर पीड़ितों ने गुरूवार को मुकदमा दायर कर उपयोगिता मुआवजे की मांग की है.

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Published : Jan 27, 2022, 4:46 PM IST

टोक्यो : फुकुशिमा रेडिएशन (Fukushima radiation) मामले में 6 कैंसर पीड़ितों ने मुकदमा दायर किया है. गुरुवार को मुकदमा दायर कर अपनी बीमारियों के लिए उपयोगिता भुगतान मुआवजे की मांग (demand for utility payment compensation) की है. उनका कहना है कि फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से निकलने वाले बड़े पैमाने पर विकिरण की वजह से उन्हें नुकसान हुआ.

वे लोग जो कि अब 17-27 वर्ष आयु वर्ग के हैं और फुकुशिमा में और उसके बाहर रह रहे हैं, टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स से मुआवजे के रूप में कुल 616 मिलियन येन (5.4 मिलियन डॉलर) का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. वादी में से एक ने कहा कि उसे अपने करियर पर अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी पड़ी है और थायराइड कैंसर के रोगियों के प्रति पूर्वाग्रह देखा है. लेकिन मैंने आगे आने और हमारे जैसे लगभग 300 अन्य लोगों की स्थिति में सुधार की उम्मीद में सच्चाई बताने का फैसला किया है.

उनके वकीलों ने कहा कि जापान में फुकुशिमा निवासियों द्वारा स्वास्थ्य से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर दायर किया गया यह पहला समूह मुकदमा है. 11 साल पहले परमाणु आपदा हुई थी. टोक्यो जिला न्यायालय में अपना मुकदमा दायर करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में एक वादी और एक अन्य वादी की मां ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत संयंत्र से लीक हुए विकिरण व कैंसर के बीच एक संबंध स्थापित करेगी.

एक विशेषज्ञ फुकुशिमा प्रीफेक्चुरल सरकार द्वारा कमीशन किए गए पैनल ने अब तक कथित कारण से इनकार किया है. उनके वकीलों ने कहा कि वादी, जो मंदी के समय 6 से 16 वर्ष के थे, को 2012 और 2018 के बीच थायराइड कैंसर का पता चला था. उनमें से चार उनका थायरॉयड पूरी तरह से हटा दिया गया था और उन्हें आजीवन हार्मोनल उपचार लेने की आवश्यकता है. उनमें से एक का कहना है कि कैंसर तब से कहीं और फैल गया है.

अभियोगी फुकुशिमा के विभिन्न हिस्सों से हैं, जिनमें एजू भी शामिल है, जो संयंत्र के पश्चिम में लगभग 120 किमी (72 मील) दूर है और उनमें से कुछ तब से टोक्यो क्षेत्र में चले गए हैं. फुकुशिमा प्रीफेक्चुरल पैनल के सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में पाए गए 266 लोगों सहित 290 से अधिक लोगों का निदान किया गया है या उनमें थायरॉयड कैंसर होने का संदेह है, जिसमें आपदा के समय 18 वर्ष या उससे कम उम्र के लगभग 380,000 निवासियों का सर्वेक्षण किया गया था.

उनके वकीलों का कहना है कि प्रति 100000 लोगों पर 77 की घटना दर सामान्य 1-2 प्रति मिलियन से काफी अधिक है. प्रीफेक्चुरल अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा है कि फुकुशिमा में उच्च पहचान दर कई मामलों में अति निदान के कारण है, जिसके कारण अनावश्यक उपचार या सर्जरी हो सकती है. कुछ लोग सर्वेक्षण को समाप्त करने का भी आह्वान करते हैं. वादी के वकीलों में से एक केनिची इदो ने कहा कि उनके मुवक्किल का कैंसर बढ़ गया है. TEPCO को विकिरण जोखिम के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

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दुर्घटना के समय सरकार अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया में धीमी थी, और संयंत्र में क्या हो रहा था, इसके बारे में खुलासा नहीं होने के कारण कई जगहों पर निकासी में देरी हुई. अपनी कारों में भागने की कोशिश कर रहे निवासियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और घंटों तक बाहर फंसे रहे. जबकि क्षतिग्रस्त रिएक्टरों से विकिरण का रिसाव हो रहा था. कुछ निवासी विकिरण प्रवाह की दिशा में भागे. TEPCO के पूर्व अधिकारियों की आपराधिक जिम्मेदारी की मांग करने वाले एक मुकदमे में 2019 में टोक्यो जिला न्यायालय ने तीन शीर्ष अधिकारियों को यह कहते हुए दोषी नहीं पाया कि वे आपदा का पूर्वाभास नहीं कर सकते हैं. मामले की अपील हाईकोर्ट में की गई है.

(पीटीआई)

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