नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत-पाकिस्तान संबंधों के लिहाज से साल 2020 काफी खराब रहा. इस साल को दोनों देशों के बीच समय-समय पर जुबानी जंग बढ़ने और राजनयिकों को तलब करने जैसी घटनाओं के लिए याद रखा जाएगा.
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के हमले में 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के 44 जवानों की जान जाने के बाद जवाब में भारत ने बालाकोट में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों में हवाई हमले किए, जिसके साथ ही दोनों देशों के संबंधों में खटास बढ़नी शुरू हो गई थी.
अगस्त, 2019 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद संबंधों में और अधिक कड़वाहट पैदा हो गई. इस फैसले से नाराज पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया. पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी हवाई और जमीनी संपर्क खत्म कर दिए और व्यापार तथा रेल सेवाओं को निलंबित कर दिया.
नए साल 2020 में भी रिश्तों पर पड़ी बर्फ नहीं पिघली और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर समय-समय पर वाकयुद्ध देखने को मिलता रहा. जून में भारत ने पाकिस्तान से नई दिल्ली में स्थित उसके उच्चायोग से कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिये कहा. साथ ही उसने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग में भी कर्मचारियों की संख्या कम करने की घोषणा की.
भारत ने कहा कि उसने पाकिस्तानी अधिकारियों के 'जासूसी गतिविधियों' में संलिप्त होने की घटनाओं और 'आतंकवादी संगठनों से निपटने के तरीकों' को लेकर राजनयिक संबंधों के कमतर करने का फैसला किया.
बीते 12 महीनों के दौरान पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाने और भारत को घेरने के कई नाकाम प्रयास कर चुका है. भारत भी स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बता चुका है कि अनुच्छेद 370 हटाना उसका आंतरिक मामला है. साथ ही उसने पाकिस्तान को सच्चाई स्वीकार करने और भारत-विरोधी दुष्प्रचार बंद करने को कहा है.
हालांकि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघनों को तेज करके तनाव बढ़ाने पर तवज्जोह दी, जहां दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे को नियमित रूप से निशाना बनाया है, जिसमें कई जानें चली गईं.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने नियमित रूप से इस्लामाबाद में भारत के राजनयिकों को तलब करके और भारतीय सेना द्वारा कथित संघर्ष विराम उल्लंघन पर प्रेस में बयान देकर उसपर दबाव बढ़ाने के प्रयास किये.