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मां को यादकर भावुक हुईं कमला हैरिस, बोलीं- उनकी वजह से मैं यहां हूं

भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनेंगी. जीत के बाद उन्होंने सबका धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मैं पहली महिला उप राष्ट्रपति बनूंगी, लेकिन मैं अंतिम नहीं हूं. यह तो शुरुआत है. इस मौके पर उन्होंने अपनी मां को याद किया और कहा कि आज मैं उनकी वजह से यहां पर हूं, लेकिन तब किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था.

अमेरिका के लिए नया दिन
अमेरिका के लिए नया दिन

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Published : Nov 8, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Nov 8, 2020, 12:39 PM IST

वॉशिंगटन : कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति बनने जा रहीं हैं. उन्होंने राष्ट्रपति निर्वाचित जो बाइडेन का धन्यवाद किया. हैरिस ने कहा कि वह बाइडेन के साहस को सलाम करती हैं, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ाया. इस मौके पर कमला ने अपनी मां को यादकर काफी भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि मेरी मां 19 साल की अवस्था में भारत से आई थी, तब किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था. आज मैं उनकी वजह से ही यहां हूं.

हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन के बारे में कहा कि जब वह पहली बार अमेरिका आई थीं, तो उन्होंने इस पल के बारे में नहीं सोचा होगा. आज मैं उन्हें याद कर रही हूं.

भारतीय मूल की कमला हैरिस(56) ने परिणामों की घोषणा के बाद देशवासियों को पहली बार संबोधित करते हुए कहा जनता के पास बेहतर भविष्य के निर्माण की ताकत है. उन्होंने शनिवार को डेलावेयर के विलमिंग्टन में कहा आपने स्पष्ट संदेश दिया. उन्होंने कहा कि आपने उम्मीद, एकता, शालीनता, विज्ञान और सत्य को चुना. आपने अमेरिका के लिए नया दिन सुनिश्चित किया.

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हैरिस लाल और नीली बत्ती लगी एक मोटरसाइकिल पर पहुंची, जो कि संकेत था ह्वाइट हाउस अब डोनाल्ड ट्रंप-माइक पेंस के हाथ से चला गया है. वे पीच और ह्वाइट कलर का पैंट सूट पहने थीं. अपनी बातों में हैरिस ने बहुसांस्कृतिक अमेरिका के अविश्वसनीय वादे की झलक दिखाई.

अपने भाषण में उन्होंने कहा कांग्रेसी जॉन लुईस ने अपने निधन से पहले लिखा था कि लोकतंत्र एक राज्य नहीं है. यह एक अधिनियम है. इससे उनका मतलब था कि अमेरिका के लोकतंत्र की गारंटी नहीं है. यह उतना ही मजबूत है जितना कि इसके लिए लड़ने की, रक्षा करने की हमारी इच्छा मजबूत है. लोकतंत्र की रक्षा में संघर्ष है, यह कुछ बलिदान मांगता है, लेकिन इसमें खुशी और प्रगति भी है. क्योंकि हम लोगों में बेहतर भविष्य बनाने की शक्ति है.

उन्होंने कहा कि मेरी मां श्यामला गोपालन हैरिस जब 19 साल की उम्र में भारत से अमेरिका आईं होंगी तो उन्होंने इस पल की कभी कल्पना भी नहीं की होग, लेकिन वो अमेरिका में भरोसा करती थीं. मैं सोचती हूं आज के इस पल ने महिलाओं की पीढ़ियों, अश्वेत महिलाओं, मूल अमेरिकी महिलाओं सभी के लिए रास्ता बनाया है.

जो को लेकर उन्होंने कहा,जो के चरित्र की खासियत है कि वे अपने साहस से बाधाओं को तोड़ते हैं, उन्होंने एक महिला को उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनकर एक अहम बाधा को तोड़ा है। जब मैं इस कार्यालय में पहली महिला हो सकती हूं, तो मैं अंतिम नहीं होगी। आज रात हर छोटी लड़की देखेगी कि यह संभावनाओं का देश है.लिंग की परवाह किए बिना हमारे देश ने बच्चों को एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि महत्वाकांक्षा के साथ सपने देखें.

अमेरिकियों को लेकर हैरिस ने कहा अमेरिका के लोगों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किसे वोट दिया. मैं जो कि तरह उप-राष्ट्रपति बनने की कोशिश करूंगी जैसे वे ओबामा के लिए थे वफादार, ईमानदार, और हर दिन आपके और आपके परिवार के बारे में सोचकर जागने वाले, क्योंकि अब जब असली काम शुरू हो रहा है तो सबसे जरूरी काम है इस महामारी को हराकर हमारी अर्थव्यवस्था का पुर्ननिर्माण करना.

Last Updated : Nov 8, 2020, 12:39 PM IST

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