हैदराबाद : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में एक बयान में कहा कि पानी, स्वच्छता और हाथ की स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ, कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रमुख हथियार हैं. यह जीवन और स्वास्थ्य प्रणालियों को बचाने के लिए रक्षा की पहला आधार है. हालांकि पानी और साबुन से हाथ धोने पर वायरस मर जाता है लेकिन इसमें प्रयाप्त मात्रा में पानी बह जाता है.
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर योजनाएं बनाई दाएं जिससे पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं को प्राथमिकता दी जा सके.
इस बयान पर विश्व के कई नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष भी शामिल थे. साथ ही WHO ने सभी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक नेताओं से उन्हें इसमें शामिल होने का आह्वान किया है. पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सभी को उपलब्ध कराकर असमानताओं को दूर किया जा सकता है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उन लोगों की देखभाल करना जो कोविड -19 के लिए सबसे अधिक असुरक्षित हैं. इसमें बुजुर्ग, विकलांग लोग, महिलाएं और लड़कियाँ, और अनिश्चित परिस्थितियों में रहने वाले लोग शामिल हैं, जैसे कि अनौपचारिक बस्तियों, शरणार्थी शिविरों, निरोध केंद्रों, बेघर लोगों के साथ-साथ उन लोगों को जिनकी आजीविका सीमित या नष्ट कर दी गई है.
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जगह ये उपाय महत्वपूर्ण हैं, न केवल इन कमजोर लोगों को कोविड -19 से बचाने के लिए, बल्कि अन्य संक्रामक रोगों को भी रोका जा सकता है जो जल, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं के बाधित होने पर फैल सकते हैं.
प्रत्येक व्यक्ति को पानी और स्वच्छता सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए समन्वित तरीके से सभी हितधारकों के साथ सहयोग से काम करना चाहिए.