वाशिंगटन : कोरोना वायरस से निबटने को लेकर चीन के खिलाफ कठोर बयानबाजी करने के बीच ह्वाइट हाउस ने आक्रामक आर्थिक नीतियों, सैन्य ढांचा बढ़ाने, गलत सूचना फैलाने का अभियान चलाने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के लिए बीजिंग पर बुधवार को निशाना साधा.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि 20 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं दिखाया गया है, लेकिन इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस उम्मीद से कड़ा रुख अपनाया है कि यह कोरोना वायरस से निबटने को लेकर चीन पर मतदाताओं के आक्रोश को भुनाने का काम करेगा क्योंकि इस संक्रामक रोग से करोड़ों अमेरिकी बेरोजगार हो गए.
ह्वाइट हाउस की इस रिपोर्ट को जारी करने से पहले बुधवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, 'मीडिया का ध्यान मौजूदा वैश्विक महामारी के खतरों पर केंद्रित है, लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश की गई सबसे बड़ी चुनौती पर नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'चीन का शासन 1949 से एक क्रूर, तानाशाही सरकार करती रही है. कई दशकों तक हम सोचते रहे कि सरकार हमारी तरह बनेगी, कारोबार के माध्यम से, वैज्ञानिक आदान-प्रदान से, या राजनयिक पहुंच के जरिए. उन्हें विश्व व्यापार संगठन में भी एक विकासशील देश के तौर पर शामिल किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'