वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने 1989 के थियानमेन चौक नरसंहार से जुड़ी घटनाओं के दौरान मारे गए, हिरासत में लिए गए या लापता लोगों का पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराने की चीन से अपील की है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने पूरी दुनिया के साथ ही नरसंहार की निंदा करते हुए एक बयान में कहा, 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा निहत्थे चीनी असैन्य नागरिकों का नरसंहार ऐसी त्रासदी थी जिसे भुलाया नहीं जा सकता'.
मेकनैनी ने कहा कि अमेरिकी लोग उन लाखों चीनी नागरिकों के साहस एवं आशावाद को दर्शाते हैं, जो 31 साल पहले बड़े पैमाने पर फैले आधिकारिक भ्रष्टाचार के खिलाफ और अपने देश में अपनी बात रखने की मांग के साथ बीजिंग और पूरे चीन में शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र हुए थे.
मेकनैनी ने घटना की 31वीं वर्षगांठ पर कहा कि 'अमेरिका चीन से चार जून 1989 को थियानमेन चौक नरसंहार से जुड़ी घटनाओं के दौरान मारे गए, हिरासत में लिए गए या लापता लोगों का सम्मान करने की अपील करता है'.
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इस स्मृति दिवस पर अमेरिका के लोग चीनी सरकार से मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा और चीन-भारत संयुक्त घोषणा के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने, चीन के संविधान के तहत सभी चीनी नागरिकों को प्रदत्त अधिकार एवं स्वंतत्रता को बरकरार रखने और नस्ली एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के सुव्यवस्थित दमन को समाप्त करने की अपील करते हैं.
प्रेस सचिव के इस बयान से एक दिन पहले विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने विदेश मंत्रालय में थियानमेन चौक नरसंहार के पीड़ितों से मुलाकात की थी.
उधर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी निवेशकों को चीनी कंपनियों से सुरक्षित रखने के लिए एक ज्ञापन जारी किया. इसमें कहा गया कि चीन द्वारा निवेशकों के महत्त्वपूर्ण संरक्षण उपायों का अनुपालन किए बिना अमेरिकी पूंजी बाजार से लाभ उठाना गलत एवं खतरनाक है.
ट्रंप ने कहा कि दशकों तक चीनी कंपनियों ने अमेरिकी पूंजी बाजारों का लाभ उठाया है और अमेरिका में जुटाई गई पूंजी ने चीन के त्वरित आर्थिक विकास को बढ़ाया है.
इस ज्ञापन को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा नेतृत्व के अन्य सदस्यों को जारी किया गया.