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मुखर्जी के 'दूरदर्शी नेतृत्व' से वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा भारत : पोम्पिओ - असैन्य परमाणु करार

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर न केवल देश बल्कि विदेश के राजनेताओं ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का बयान भी सामने आया है. जानें प्रणब दा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने क्या कुछ कहा...

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मुखर्जी के 'दूरदर्शी नेतृत्व' से भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद मिली

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Published : Sep 2, 2020, 12:06 PM IST

वॉशिंगटन :अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दूरदर्शी नेतृत्व से भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद मिली तथा मजबूत अमेरिका-भारत साझेदारी का मार्ग प्रशस्त हुआ. इसके साथ उन्होंने मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक जताया.

उन्होंने कहा कि पूर्व भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से अमेरिका को गहरा दुख हुआ है. आधी सदी से अधिक लंबे बेहतरीन सफर में मुखर्जी ने एक सांसद, कैबिनेट मंत्री और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति के रूप में भारत के लोगों की ओर से अथक प्रयास किया.

पोम्पिओ ने एक बयान में कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय में मदद की और मजबूत अमेरिका-भारत साझेदारी का मार्ग प्रशस्त किया.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुखर्जी की कई उपलब्धियों के कारण भारत अधिक समृद्ध और सुरक्षित बना. विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने ऐतिहासिक भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार और अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी की नींव में में अहम भूमिका निभाई.

पढ़ें :मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडेन ने जताया शोक

उन्होंने कहा कि कुछ ही भारतीय राजनेताओं ने 21 वीं सदी में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारत को तैयार करने में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा, 'अमेरिकी लोगों की ओर से, हम शोक की इस घड़ी में भारत के लोगों और मुखर्जी के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.'

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