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अमेरिकी कैपिटोल पर हुए हमले में सीनेट की रिपोर्ट जारी, सामने आईं ये खामियां - आंतरिक सुरक्षा एवं सरकारी मामलों की समिति

अमेरिका में छह जनवरी को संसद भवन पर हुए हमले के संबंध में सीनेट की जांच रिपोर्ट सामने आई है. संसद की यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई और यह अंतिम रिपोर्ट भी हो सकती है.

अमेरिकी कैपिटोल
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Published : Jun 8, 2021, 8:05 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में छह जनवरी को संसद भवन (Capitol) पर हुए हमले के संबंध में सीनेट की जांच रिपोर्ट (Senate inquiry report) सामने आई है. रिपोर्ट में घटना के पहले सरकार, सेना और कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा उठाए गए गलत कदमों का जिक्र है. साथ ही बताया गया है कि संसद भवन की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों के पास न तो खास प्रशिक्षण था और न कोई खास तैयारी थी और दंगाइयों ने उन्हें बहुत जल्द परास्त कर दिया था.

जांच रिपोर्ट में द्विदलीय समीक्षा

संसद की यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई और यह अंतिम रिपोर्ट भी हो सकती है. इसमें इस बात की द्विदलीय समीक्षा है कि कैसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Former President Donald Trump) के हजारों समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए संसद परिसर में घुस गए और उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की विजय की पुष्टि के लिए आयोजित विशेष सत्र को बाधित किया.

इस रिपोर्ट में आगे की पंक्ति में तैनात पुलिस अधिकारियों के नए ब्योरों को शामिल किया गया है जो रसायन हमले में झुलस गए थे, जिनके मस्तिष्क में चोटें आईं और जिनकी हड्डियां टूट गई थीं. इन पुलिस अधिकारियों ने सांसदों को बताया कि जब सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हुई उस वक्त उनके पास इस बात के कोई निर्देश नहीं थे कि आगे क्या करना है. इसमें Capitol पुलिस के प्रमुख को और अधिकार देने के लिए बदलाव लाने की सिफारिश की गई है.

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द्विदलीय समीक्षा वाली इस रिपोर्ट में हमले के मूल कारण के तह तक नहीं जाया गया है और न ही इसमें ट्रंप की भूमिका का जिक्र है.

जांच रिपोर्ट के अहम मायने

आंतरिक सुरक्षा एवं सरकारी मामलों की समिति (Internal Security And Government Affairs Committee) के अध्यक्ष मिशिगन सेन. गैरी पीटर्स (michigan senator Gary Peters) ने कहा कि यह रिपोर्ट इन मायनों में अहम है, क्योंकि यह हमें संसद में सुरक्षा स्थिति में तत्काल सुधार की इजाजत देती है. लेकिन यह कुछ बड़े प्रश्नों के उत्तर देने में नाकाम रही है जिनका एक देश और एक लोकतंत्र के रूप में हमें सामना करने की जरूरत है.

पीटर्स ने संसद नियम समिति के साथ मिल कर यह जांच की थी.

रिपोर्ट में कैपिटोल पुलिस के कार्यों का जिक्र

संसद की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे छह जनवरी को सुरक्षाकर्मियों को पहुंचने में घंटों की देरी हुई, क्योंकि विभिन्न एजेंसियों ने बलों को भेजने में अनेक नौकरशाही कदम उठाए. इसमें Capitol के अधिकारियों और पेंटागन के बीच हुई बातचीत और अंत में Capitol पुलिस के तत्कालीन प्रमुख स्टीवन संड (Steven Sand) द्वारा परेशान हो कर मदद मागें जाने का भी जिक्र है.

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इसमें कहा गया है कि Capitol पुलिस को भीड़ ने काबू में कर लिया था और उनके साथ बर्बरता से मारपीट की जा रही थी. वहीं पेंटागन में 'मिशन योजना' में और कई स्तर से इजाजत लेने में कई घंटे बिता दिए गए.

इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए Capitol पुलिस ने स्वीकार किया कि सुधार की जरूरत है. एक बयान में कहा गया, 'देश भर में कानून लागू करने वाली एजेंसियां खुफिया सूचनाओं पर निर्भर करती हैं और उन खुफिया सूचनाओं की गुणवत्ता जीवन और मृत्यु के अंतर के समान हो सकती हैं.'

रिपोर्ट में अनेक सुधार की सिफारिश की गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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