वॉशिंगटन : कोरोना की उत्पत्ति के लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री जेवियर बेसेरा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच का अगला चरण अधिक पारदर्शी और विज्ञान-आधारित हो.
अमेरिकी मंत्री बेसेरा ने यह अपील यहां मीडिया में इन खबरों के बीच की है, जिसमें कहा गया है कि हो सकता है कि वायरस चीन में किसी प्रयोगशाला से उभरा हो.
गत मार्च में विश्व डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चीन के वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया था कि इसके किसी प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना बेहद कम है.
हालांकि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों के चीन में महामारी के केंद्र वुहान सहित अन्य स्थानों पर अभियान को जिस तरह से संचालित किया गया, उसको लेकर तथा बीजिंग से पर्याप्त सहयोग की कमी को लेकर अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने चिंता जतायी है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदानोम गेब्रिएसस ने भी इसको लेकर सहमति व्यक्त की है कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर आगे और अध्ययन की आवश्यकता है.
डब्ल्यूएचओ की विश्व स्वास्थ्य सभा की वार्षिक मंत्री स्तरीय बैठक में मंगलवार को एक वीडियो संदेश में बेसेरा ने जांच के दूसरे चरण को शुरू करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि जांच की शर्तें पारदर्शी, विज्ञान-आधारित होनी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को पूरी तरह से स्वतंत्रता दें ताकि यह वायरस के स्रोत और प्रकोप के शुरुआती दिनों का आकलन कर सके.
बेसेरा ने अपने संबोधन में सीधे तौर पर चीन का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब कुछ दिन पहले ही वॉल स्ट्रीट जर्नल' में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के बारे में खुलासा किए जाने से कुछ सप्ताह पहले नवंबर 2019 में वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ताओं ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था. पुराने अमेरिकी खुफिया दस्तावेज के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.