वॉशिंगटन : अमेरिका ने रूस द्वारा सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 ट्राइम्फ मिसाइल प्रणाली की भारत को आपूर्ति किए जाने पर चिंता प्रकट की, लेकिन इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि इस सौदे से कैसे निपटा जाए. पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही.
एस-400 को लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली रूस की सबसे आधुनिक शस्त्र प्रणाली माना जाता है.
इस आपूर्ति पर भारतीय वायु सेना की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन रूस की सैन्य-तकनीक सहयोग के लिए संघीय सेवा (एफएसएमटीसी) के निदेशक दमित्री शुगाएव ने स्पुतनिक समाचार एजेंसी को पिछले हफ्ते बताया था कि इन मिसाइल की आपूर्ति योजनाबद्ध तरीके से की जा रही है.
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'हम इस प्रणाली को लेकर अपनी चिंता अपने भारतीय साझेदारों से बहुत स्पष्ट तरीके से जता चुके हैं.' उनसे पूछा गया था कि रक्षा विभाग भारत को एस-400 की पहली खेप मिलने को लेकर कितना चिंतित है.
समझा जाता है कि मिसाइल प्रणाली के कुछ कलपुर्जों की आपूर्ति शुरू हो गई है और सभी महत्वपूर्ण घटक अभी भारत नहीं पहुंचे हैं. हालांकि, किर्बी ने संकेत दिया कि अमेरिका ने अभी इस बारे में फैसला नहीं किया है कि भारत और रूस के बीच लेन-देन से कैसे निपटा जाए.