वाशिंगटन : अमेरिका के प्रभावशाली सांसद सैनफोर्ड बिशप ने भारत को देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले ही इसकी बधाई दी और कहा कि स्वतंत्रता के लिए उसके संघर्ष ने अमेरिका के नागरिक अधिकारों के आंदोलन को बहुत प्रभावित किया.
सांसद सैनफोर्ड बिशप ने गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में कहा कि भारत और अमेरिका कई गहरे एवं ऐतिहासिक संबंध साझा करते हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं भारत और उसके लोगों को उनके 75वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. मैं उनके लिए और कई वर्षों तक शांति और समृद्धि की कामना करता हूं. स्पीकर महोदय, मैं आज यहां भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में खड़ा हुआ हूं, जो इस वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाएगा. उस दिन, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था उनके देश ने ब्रिटिश शासन खत्म करने का 'नियति से वादा किया' था.'
बिशप ने कहा, 'उन्होंने कहा था कि मध्य रात्रि के प्रहर के समय, जब दुनिया सो रही होगी, तब भारत जीवन एवं स्वतंत्रता के लिए जागेगा. एक ऐसा क्षण होगा, जो इतिहास में बहुत कम आता है, जब हम पुराने को छोड़कर नए जीवन में कदम रखते हैं. जब एक युग का अंत होता है, जब राष्ट्र की चिर काल से दमित आत्मा नवउद्धार प्राप्त करती है.'
'हजारों साल पुराना है भारत का इतिहास'
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास हजारों साल पुराना है. इसकी सभ्यता और दुनिया में योगदान अनगिनत हैं....साहित्य से लेकर दर्शनशास्त्र, दर्शनशास्त्र से लेकर गणित तक....
उन्होंने कहा, 'आज भी भारत ने इस परम्परा को जारी रखा है और वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अन्य देशों की मदद कर रहा है, जबकि देश खुद भी कोविड-19 के गंभीर कहर से जूझ रहा है.'
जॉर्जिया के सांसद बिशप ने कहा कि इसके अलावा भारतीय-अमेरिकी यहां अमेरिका में चिकित्सकों, वकीलों, वैज्ञानिकों, व्यवसाय के मालिकों, कलाकारों के रूप में और यहां तक कि व्हाइट हाउस में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, जिनकी मां एक भारतीय हैं... उनके रूप में अनगिनत योगदान दे रहे हैं.
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उन्होंने कहा, 'यकीनन, अगर मैं इस तथ्य का उल्लेख ना करूं कि भारत के स्वतंत्रता के लिए किए संघर्ष ने अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन को बहुत प्रभावित किया तो मुझे खेद होगा. अमेरिका के नागरिक अधिकार नेता, डॉ.मार्टिन लूथर किंग से लेकर मेरे दिवंगत सहयोगी एवं मित्र सांसद जॉन लुईस तक, भारतीय स्वतंत्रता के श्रद्धेय नेता महात्मा गांधी से प्रेरित थे. उन्होंने सामाजिक तथा राजनीतिक न्याय प्राप्त करने के लिए महात्मा गांधी के अहिंसक दृष्टिकोण को अपनाया और उनके नक्शेकदम पर चले.'
(पीटीआई-भाषा)