वॉशिंगटन : अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. इस वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव की खास बात यह है चुनाव से पहले ही व्यक्तिगत और पोस्टल बैलैट के माध्यम से नौ करोड़ लोगों ने पहले ही मतदान कर दिया है. उम्मीदवारों की बीच जम के गहमा-गहमी हुई और कई एजेंसियों ने, तो हिंसक घटनाएं होने की आशंका भी जताई है.
वॉयस ऑफ अमेरिका के लिए ह्वाइट हाउस ब्यूरो चीफ स्टीवन हरमन ने कहा कि लोगों के बीच खासकर डेमोक्रेटिक वोटरों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है, जो भी जो बाइडेन का समर्थन कर रहा है उनके बीच तनाव की स्थिति है.
हरमन ने कहा कि मिशिगन जैसे राज्यों में असामाजिक तत्व सड़क पर बंदूक लेकर उतर सकते हैं, इससे लोगों के बीच भय की स्थिति बन सकती है. हालांकि अभी ऐसी कोई सूचना नहीं है कि लोग किसी भी तरह के भय से वोट करने से कतरा रहे हैं. लोग कोरोना वायरस के कारण बाहर निकलने से कतरा रहे हैं. यही कारण भी है कि लोगों ने बैलेट के माध्यम से मतदान किया है.
स्मिता शर्मा से स्टीवन हरमन की विशेष बातचीत मतदान से पहले ह्वाइट हाउस के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. रिपोर्टों के मुताबिक पूरे वॉशिंगटन डीसी में हिंसक घटनाओं से निपटने की तैयारियां की गई हैं.
वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा से बात करते हुए हरमन ने कहा कि जब स्थिति साफ हो जाएगी, यानी बुधवार रात तक हिंसक घटनाएं होने की आशंका है. लोग सड़कों पर उतर सकते हैं.
हरमन ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि जीत किसकी होती और कितने वोटों की बढ़त से जीत होती है. हिंसा से होने वाले नुकसान से बचने के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. हालांकि, हिंसक घटनाएं होने का अभी तक कोई संकते नहीं मिला है.
परिणाम इस बात पर निर्भर करेंगे कि मतदान कितने सही तरीके से हुए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही इस बात का संकेत दे दिया था कि यदि परिणाम उनके पक्ष में नहीं आते, तो वह न्यायालय में चुनौती देंगे. ट्रंप का मानना है कि वोटिंग के दिन ही शाम को परिणामों की घोषणा हो जानी चाहिए. बता दें कि हरमन कई वर्षों से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को कवर करते आए हैं.
परिणामों का स्पष्ट अनुमान चार नवंबर को सुबह तक लगाया जा सकेगा. हालांकि, इसपर विवाद हो सकता है जैसा 2000 में जॉर्ज बुश और एल गोर के बीच हुआ था. असोसिएटेड प्रेस जैसी संस्थाएं विजेता घोषित कर देंगी.
अभी तक के रुझानों को देखें तो बाइडेन कुछ अंकों से आगे चल रहे हैं. 2016 में मध्यपूर्व में जीत के लिए डोनाल्ड ट्रंप हिलेरी क्लिंटन को कांटे की टक्कर दी थी और भी लोगों की नजर मध्यपूर्वी राज्यों पर है.
बाइडेन भले ही सात फीसदी या चार फीसदी अंकों से आगे चल रहे हैं, लेकिन जीत कुछ राज्य ही निर्धारित करेंगे और उम्मीदवारों ने भी अपना ध्यान इन्हीं राज्यों पर केंद्रित किया है. ट्रंप को फ्लोरिडा में जीत हासिल करनी होगी, वरना बाइडेन की जीत पक्की है. पेन्सिल्वेनिया भी निर्णायक भूमिका निभाएगा.
अगर मिशिगन की बात करें तो वहां बाइडेन ट्रंप से आगे हैं. फिर भी ट्रंप वहां जोर लगाए हुए हैं, क्योंकि 2016 में ट्रंप की जीत में मिशिगन ने निर्णायक भूमिका निभाई थी. यहां पर आपको यह बता दें, 2016 में मतदान से ठीक पहले हिलेरी क्लिंटन मिशिगन में आगे चल रही थीं.