वॉशिंगटन :अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के 20 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे.
ट्रंप ने सत्ता का सुचारू व्यवस्थित एवं निर्बाध' हस्तांरण सुनिश्चित करने का वादा करने के बाद यह कहा. ट्रंप ने ट्वीट किया जिन लोगों ने मुझसे इस बारे में पूछा था, मैं उन्हें बता रहा हूं कि मैं 20 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होऊंगा. अमेरिका में तीन नवंबर को हुए चुनाव में कई सप्ताह तक जीत का 'झूठा' दावा करने वाले ट्रंप के इस समारोह में शामिल होने की उम्मीद नहीं की जा रही थी.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में अपने समर्थकों द्वारा की गई हिंसा की बुधवार को यह कहते हुए अंतत: निंदा की कि वे अमेरिका का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. सांसत में पड़े ट्रंप ने इसके साथ ही संकल्प लिया कि वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को सत्ता का व्यवस्थित, निर्बाध और सुगम हस्तांतरण सुनिश्चित करेंगे. एक दिन पहले ही ट्रंप ने अपने समर्थकों से कैपिटल का रूख करने का आह्वान किया था, जहां भीड़ जबरन भीतर घुस गई.
संसद की एक संयुक्त समिति ने एक बयान में कहा कि शपथ ग्रहण समारोह योजना के अनुरूप कैपिटल के ‘वेस्ट फ्रंट’ पर होगा.अमेरिकी मीडिया की खबरों में बताया गया है कि कैपिटल भवन (अमेरिकी संसद भवन) पर हमले की घटना के मद्देनजर शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे. इस दौरान मेहमानों की संख्या सीमित होगी और बाइडेन ने कोरोना वायरस के कारण लोगों से इसमें शामिल नहीं होने की अपील की है. व्हाइट हाउस ने ट्रंप का यह वीडियो जारी किया, जिसमें ट्रंप कहते नजर आ रहे हैं, 'सभी अमेरिकी लोगों की तरह, मैं भी हिंसा, अराजकता और उत्पात से हैरान और दुखी हूं. भवन की सुरक्षा तथा घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए मैंने तुरंत ही राष्ट्रीय गार्ड और कानून लागू करने वाली संघीय एजेंसी की तैनाती की.'
उन्होंने कहा कि कैपिटल में घुसने वाले लोगों ने अमेरिका के लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया है. उन्होंने कहा, 'हिंसा और विनाशकारी गतिविधियों में लिप्त लोग हमारे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. जिन्होंने कानून तोड़ा, उन्हें इसका खमियाजा भुगतना होगा. हम अभी हाल में एक चुनाव से गुजरे हैं और लोगों की भावनाएं उफान पर हैं लेकिन अब अपने गुस्से को ठंडा करना होगा तथा अमन बहाल करना होगा. ट्रंप के हजारों समर्थकों ने वॉशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) पर बुधवार को हमला किया था और पुलिस के साथ भी उनकी झड़प हुई थी. इसमें चार लोगों की जान चली गई थी.
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रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों की ओर से दबाव का सामना कर रहे ट्रंप ने महाभियोग की कार्यवाही की आशंका के बीच चुनाव परिणामों को भी स्वीकार कर लिया और बाइडेन को सत्ता के सुगम हस्तांतरण का संकल्प भी लिया. बाइडेन 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. हिंसा और अराजकता के बीच अमेरिकी संसद ने बृहस्पतिवार को अपने संयुक्त सत्र में बाइडेन तथा हैरिस के निर्वाचन की औपचारिक रूप से पुष्टि कर दी तथा निर्वाचक मंडल के मतों को भी मंजूरी दे दी गई. कैपिटल में हुई घटना के बाद बुधवार शाम से लेकर बृहस्पतिवार तक कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए, वहीं विपक्षी डेमोक्रेट सदस्यों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के नए सिरे से प्रयास शुरू कर दिए. डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उप राष्ट्रपति माइक पेंस से अनुरोध किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘विद्रोह भड़काने' के कारण पद से हटाने के लिए वह अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन लागू करें.