वॉशिंगटन : अमेरिका के एक बर्खास्त वैज्ञानिक ने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन ने भारत तथा पाकिस्तान में 'बिना जांच की गई फैक्ट्रियों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के आयात पर अमेरिका में डॉक्टरों की चिंताओं को नजर अंदाज किया और देश को अप्रमाणित तथा संभावित रूप से खतरनाक मलेरिया रोधी दवा से भर दिया.
व्हिसलब्लोअर्स की सुरक्षा संबंधी कार्यालय यूएस ऑफिस आफ स्पेशल काउंसेल के समक्ष शिकायत में रिक ब्राइट ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने खासतौर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाइयां और निजी सुरक्षा उपकरण के संबंध में उनके तथा अन्य लोगों के संदेशों को बार-बार नजर अंदाज किया.
जब ब्राइट को बर्खास्त किया गया तब वह स्वास्थ्य एवं मानव सेवा (एचएचएस) विभाग के साथ काम करने वाली अनुसंधान एजेंसी बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलेपमेंट एजेंसी के प्रमुख थे.
शिकायत में कहा गया है, डॉ. ब्राइट पाकिस्तान और भारत से दवा के आयात को लेकर अत्यधिक चिंतित थे क्योंकि एफडीए ने दवा या उसे बनाने वाली फैक्ट्री का निरीक्षण नहीं किया था.
इसमें आरोप लगाया गया है कि जिन कारखानों की जांच नहीं हुई है वहां बनने वाली यह दवाएं मिलावटी हो सकती हैं और इस दवा को लेने वाले लोगों के लिए खतरनाक बात हो सकती है.