वॉशिंगटन : अमेरिका में एक संघीय जिला अदालत के न्यायाधीश ने मंगलवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन छह जुलाई के अपने आदेश को रद्द करने के लिए राजी हो गया है, जिसमें उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के देश में रहने पर अस्थायी रोक लगाई गई थी, जो कॉलेज या विश्वविद्यालय जाकर पढ़ाई नहीं कर रहे हैं.
इस आदेश के खिलाफ देशभर में आक्रोश और बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा मुकदमा दायर किए जाने के बाद ट्रंप प्रशासन ने यह आदेश पलट दिया है.
प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय और मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) समेत कई शैक्षणिक संस्थानों ने होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) और अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) को उस आदेश को लागू करने से रोकने का अनुरोध किया, जिसमें केवल ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के देश में रहने पर रोक लगाने की बात की गई थी.
मैसाच्युसेट्स में अमेरिकी संघीय अदालत में इस मुकदमे के समर्थन में 17 राज्य और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के साथ ही गूगल, फेसबुक और माक्रोसॉफ्ट जैसी शीर्ष अमेरिकी आईटी कंपनियां भी आ गई.
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