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अमेरिका में 'पीपुल्स च्वाइस अवॉर्ड' से सम्मानित हुए सुदर्शन पटनायक - प्लास्टिक प्रदूषण

अपनी कलाओं से सोशल मैसेज देने के लिए फेमस सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने अमेरिका में 'पीपुल्स च्वाइस अवॉर्ड' जीता है. वे पूरे एशिया से एकमात्र प्रतिनिधि थे, जिन्होंने यह अवॉर्ड जीत कर देश का सीना गर्व से ऊंचा कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर....

सुदर्शन पटनायक

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Published : Jul 28, 2019, 9:46 PM IST

न्यूयॉर्कः प्रसिद्ध भारतीय रेत कलाकार और पद्म अवॉर्ड से सम्मानित सुदर्शन पट्नायक ने अमेरिका में 'पीपुल्स च्वाइस अवार्ड' जीता है.पटनायक को एक प्रतिष्ठित सैंड स्कल्पटिंग फेस्टिवल में इस अवॉर्ड से नवाजा गया.

पटनायक की महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण को लेकर संदेश देने वाली कलाकृति ने अमेरिका की जनता का मन मोह लिया.

गौरतलब है कि पटनायक अमेरिका के बोस्टन, 2019 के इंटरनेशनल सैंड स्कल्पटिंग फेस्टिवल में भाग लेने गए थे. 21 से 28 जुलाई के बीच अंतरराष्ट्रीय सैंड स्कल्प्टिंग चैम्पियनशिप 2019 में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था. पूरे विश्व से 15 आर्टिस्ट ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था.

उन्होंने अपने सैंड स्कल्पचर 'स्टॉप प्लास्टिक पॉल्यूशन, सेव आवर ओशन' के लिए पीपुल्स च्वाइस अवार्ड जीता.

ट्वीट कर जताई खुशी
पटनायक ने ट्वीट कर अपनी खुशी व्यक्त की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि, मैंने USA में बॉस्टन इंटरनेशनल सैंड आर्ट चैंपियनशिप फेस्टिवल 2019 में प्लास्टिक प्रदूषण पर 'सेव आवर ओशन' मैसेज के साथ 'पीपुस्ल च्वाइस अवॉर्ड' जीता है..

सुदर्शन पटनायक का ट्वीट

पटनायक ने जाहिर की खुशी
अवॉर्ड जीतने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए पटनायक ने कहा, अमेरिका में मेरे लिए यह बहुत बड़ा पुरस्कार और सम्मान है. यह पुरस्कार भारत के लिए है, जो कि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को मात देने के लिए भी अच्छा काम कर रहा है. साथ ही यह इस बहुत महत्वपूर्ण मामले पर जागरूकता बढ़ाने का भी काम कर रहा है.

इस पुरस्कार को बहुत ही खास बताते हुए, पटनाइक ने कहा, यह पुरस्कार केवल मेरे लिए ही नहीं बल्कि लोगों के लिए भी है. यह एक सार्वजनिक जागरूकता मूर्ति है. जिन लोगों ने मेरी मूर्तिकला को वोट दिया है, उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण पर कार्यवाही के लिए वोट किया है.

क्या दर्शाती है पटनायक की कलाकृति
आपको बता दें, अवॉर्ड विजेता कलाकृति प्लास्टिक बैग में फंसे हुए कछुए को दिखाती है. और एक मछली जिसके शरीर में प्लास्टिक की चीजें जैसे चप्पलें, बोतलें और गिलास इत्यादि हैं.

मछली की पूंछ को इंसान के मुंह में दिखाया गया है जो यह दिखाता है कि कैसे प्लास्टिक प्रदूषण इंसान पर भी असर कर रहा है जब वह समुद्री भोजन का सेवन करता है.

पटनायक जो कि अपनी कला से सोशल मैसेज देने के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि, हजारों लोग मेरी मूर्तिकला के लिए वोट करते हैं, जो कि प्लास्टिक प्रदूषण को हाईलाइट करती है. और दिखाती है कि देश की जनता भी महासागरों के प्रदूषित होने को लेकर चिंतित है. साथ ही वे प्रदूषण पर तत्काल कार्यवाही करने की जरूरत का समर्थन करते हैं.

बता दें जोरदार तालियों के बीच पटनायक ने पुरस्कार सम्मान समारोह के दौरान पीपल्स चॉइस पदक प्राप्त किया.

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ओडिशा निवासी ने जताई खुशी
ओडिशा के एक मूल निवासी ने कहा कि अपनी मूर्तिकला के माध्यम से वे इस बात को उजागर करना चाहते हैं कि मानव गतिविधियां महासागरों को नष्ट कर रही है साथ ही मनुष्य भी इससे प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि वे समुद्र और नदियों के भोजन का उपयोग कर रहे हैं.

कई भारतीयों ने भारतीय तिरंगे के साथ त्योहार पर भी दिखाया और पटनायक के लिए अपना समर्थन बढ़ाया, जिन्होंने न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास के जनरल और इसके अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया.

न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत ने दी बधाई
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत संदीप चक्रवर्ती ने जीत पर पटनायक को बधाई देते हुए, कहा कि 'हमें खुशी है कि हमारे अपने सुदर्शन ने इस प्रतिष्ठित विश्व समारोह में पीपल्स च्वाइस अवार्ड जीता है.'

चक्रवर्ती ने ग्रेटर बोस्टन क्षेत्र के भारतीय समुदाय और पूरे अमेरिका में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि पटनायक की मूर्तिकला स्टॉप प्लास्टिक प्रदूषण, सेव आवर ओशन का विषय बहुत ही सामयिक और प्रासंगिक है और जनता के साथ प्रतिध्वनित हुआ है.

बता दें, नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन रेवरे बीच पार्टनरशिप द्वारा आयोजित, यह फेस्टिवल अब अपने 16 वें साल में है.

यह फेस्टिवल 26 से 28 जुलाई तक चला और इसमें तकरीबन एक लाख लोग शामिल हुए.

यह दुनिया के सबसे बड़े रेत मूर्तिकला उत्सवों में से एक है, जो दुनिया भर के प्रमुख रेत मूर्तिकारों की भागीदारी को देखता है.

बता दें कि पटनायक भारत और एशिया के एकमात्र प्रतिनिधि थे. बेल्जियम और कनाडा के कलाकारों ने भी प्रतिष्ठित चैम्पियनशिप में जीत हासिल की.

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