न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र में नस्लवाद, जलवायु संकट और दुनिया के बीच गहराते विभाजन संबंधी मुद्दों पर बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी. इससे एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को विश्व नेताओं से कहा था, 'मैं यहां आगाह कर रहा हूं: विश्व को जगना चाहिए. हम रसातल के कगार पर हैं और गलत दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.'
उन्होंने कहा था, हमारी दुनिया के लिए कभी भी इतना अधिक संकट नहीं था या यह इतनी अधिक विभाजित नहीं थी. हम अपने जीवन काल में सबसे बड़े संकटों का सामना कर रहे हैं.
वार्षिक उच्च स्तरीय सत्र की बैठक पिछले साल महामारी के चलते ऑनलाइन माध्यम से हुई थी, लेकिन इस बार संयुक्त राष्ट्र में विश्व के नेताओं की उपस्थिति और ऑनलाइन भागीदारी का भी विकल्प दिया गया है. इस बार महासभा की उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए दो दर्जन से अधिक विश्व नेता यहां पहुंचे हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चेतावनी दी, 'दुनिया नई अशांति और परिवर्तन के दौर में प्रवेश कर चुकी है.' फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्टो ने कहा. 'हम वास्तव में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं.' कोस्टा रिका के राष्ट्रपति कार्लोस अल्वाराडो क्यूसाडा ने घोषणा की, 'भविष्य की मांग है कि सैन्य हथियारों पर कम और शांति में अधिक निवेश किया जाए.'
करीब एक सप्ताह तक चलने वाली बैठक की शुरुआत में मंगलवार को एक के बाद एक वक्ता ने असमानता और दुनिया के बीच गहराते उस विभाजन की निंदा की, जिसके कारण कोविड-19 से निपटने के लिए एकीकृत वैश्विक प्रयास बाधित हुए. कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन राष्ट्र प्रमुखों और सरकारों के लिए शीर्ष मुद्दा बने हुए हैं, लेकिन बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सभा में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित नस्लवाद के खिलाफ विवादास्पद संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ के स्मरणोत्सव पर चर्चा की जाएगी.
इसके बाद राष्ट्र प्रमुख विशाल महासभा हॉल में वार्षिक संबोधन देना पुन: आरंभ करेंगे. बुधवार को जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो और केन्या के राष्ट्रपति उहुरु केन्याता सभा को संबोधित करेंगे.
गुतारेस ने मौजूदा वैश्विक संकट का संभवत: सबसे कड़ा आकलन करते हुए मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी ने भयावह असमानताओं को बढा दिया है, वहीं जलवायु संकट ग्रह को परेशान कर रहा है, अफगानिस्तान से इथियोपिया से यमन और अन्य स्थानों पर उथल-पुथल ने शांति को बाधित कर दिया है और दुष्प्रचार लोगों का ध्रुवीकरण कर रहा है और समाज को पंगु बना रही है.
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि महामारी ने याद दिलाया कि 'पूरी दुनिया एक बड़े परिवार का हिस्सा है, लेकिन एकजुटता की इस परीक्षा में हम बुरी तरह असफल हुए.'