नई दिल्ली :अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा करते हुए कहा कि इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जायेगा. व्हाइट हाउस से बुधवार को टेलीविजन के माध्यम से संबोधित कर रहे बाइडेन ने कहा कि 11 सितंबर 2001 की घटना के 20 साल पूरे होने से पहले अमेरिकी सैनिकों के साथ नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के देशों और अन्य सहयोगी देशों के सैनिक भी अफगानिस्तान से वापस आयेंगे.
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से फोन पर बात भी की थी. इस बारे में अशरफ गनी ने ट्वीट भी किया है. ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि आज रात, मुझे राष्ट्रपति बाइडेन का फोन आया था, जिसमें हमने सितंबर की शुरुआत में अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस लेने के अमेरिकी फैसले पर चर्चा की. उन्होंने लिखा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान अमेरिका के इस फैसले का सम्मान करता है और हम अपने अमेरिकी साझेदारों के साथ मिलकर सौहार्दपूर्ण रिश्तों के बीच काम करना सुनिश्चित करेंगे.
इसके बाद बाइडेन ने आर्लिंगटन नेशनल सिमेट्री (सैन्य स्मारक) जाकर, अफगानिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. न्यूयॉर्क में 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकवादी हमले के बाद, 2001 में ही अफगानिस्तान में अल कायदा के आतंकवादियों के खिलाफ जंग शुरू हुई थी. सैन्य स्मारक पर एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा कि सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला कोई कड़ा निर्णय नहीं है. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बाइडेन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उनका प्रशासन हमेशा सतर्क और सचेत रहेगा.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति और भविष्य में स्थिरता के लिए भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन और तुर्की की अहम भूमिका है. युद्धग्रस्त देश में शांति बनाये रखने में इन देशों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. अपने संबोधन में बाइडेन ने कहा कि हम लोग क्षेत्र में अन्य देशों से अफगानिस्तान के समर्थन में और अधिक सहयोग के लिए कहेंगे. विशेषकर पाकिस्तान, रूस, चीन, भारत और तुर्की से क्योंकि इन सभी देशों की अफगानिस्तान के स्थिर भविष्य में अहम भूमिका है.