नई दिल्ली : कोरोना वायरस का दंश झेल रहे भारत पर अब साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है. इस क्रम में भारत सहित छह देशों पर रविवार 21 जून को साइबर हैकर हमला कर सकते हैं. यह आशंका इसलिए उत्पन्न हुई है कि उत्तर कोरिया का हैकर ग्रुप 'लैजारस' इन देशों में कोविड-19 से संबंधित राहत कार्यों के नाम पर लोगों को ठगने की योजना बना रहा है. भारत भी इन छह देशों में शामिल है.
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का फिशिंग कैंपेन, जो कोविड-19 थीम पर आधारित है, एक बड़े साइबर हमले की साजिश रच रहा है.
देशभर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और साइबर क्रिमिनल हर रोज धोखाधड़ी के नए पैतरें अपना रहे हैं. इसी क्रम में साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का एक और नया तरीका निकाला है, जिसे फिशिंग कहते है. फिशिंग के बारे में साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने ईटीवी भारत को बताया कि यह साइबर क्राइम का एक तरीका है, जिसके तहत अपराधी पीड़ित व्यक्ति का विश्वास जीतकर उनको ठगता है.
जेडीनेट (ZDNet) की रिपोर्ट के अनुसार, 50 लाख से ज्यादा लोग इस हमले की मार झेल सकते हैं. साथ ही छह बड़े देशों के छोटे और बड़े उद्यमों को हैकर्स अपना निशाना बना सकते हैं. इन छह देशों में भारत, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.
सिंगापुर में साइबर सुरक्षा विक्रेता वफिरमा के अनुसार, उत्तर कोरियाई हैकर समूह अभियान से वित्तीय रूप से लाभ प्राप्त करना चाहता है, जहां वह ईमेल प्राप्तकर्ताओं को धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों पर ले जाकर उनके निजी और फाइनेंशियल डेटा का खुलासा करने का लालच देगा.
आपको बता दें कि लैजारस नाम के इस हैकर ग्रुप ने जापान के 11 लाख और भारत के 20 लाख लोगों की ईमेल आईडी के अलावा यूके में 180,000 व्यापारिक संपर्क होने का दावा किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले में सिंगापुर के 8,000 संगठन शामिल होंगे, जहां उनके सभी बिजनेस संपर्क ईमेल में होंगे और जिनके जरिए सिंगापुर बिजनेज फेडरेशन के सदस्यों को संबोधन किया गया होगा.
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