वॉशिंगटन : लैंगिक समानता (gender equality) की वकालत करने वाली महिलाएं और समूह कार्यस्थल पर महिला विरोधी टिप्पणियों (Anti women comments at workplace), हालात से निपटने में पुरुषों से सहयोगी बनने का आग्रह कर रहे हैं.
शोध से पता चला है कि पुरुषों का समर्थन (men support) नहीं मिलने पर महिलाओं को कार्यस्थल पर महिला विरोधी व्यंग्यों, चुटकुलों से जूझना पड़ता है. इससे उनमें अलगाव, तनाव और थकावट की भावना पैदा हो सकती है, लेकिन पुरुषों के साथ देने से लिंगभेद की लड़ाई में क्या बदलाव आता है?
शोध में पाया गया कि पुरुष सहयोगियों के महिला सहयोगियों की ताकत को रेखांकित करने, उनका ख्याल रखने जैसे छोटे-मोटे कदमों से उन्हें मदद मिल जाती है. महिलाओं को इससे लिंगभेद के नकारात्मक विचारों से खुद को दूर रखने में मदद मिलती है.
शोध में यह देखा गया कि पुरुषों पर इसका क्या असर पड़ता है. यह शोध 'सायकोलॉजी ऑफ मेन एंड मैसकुलिनिटीज' (Psychology of Men and Masculinities) में प्रकाशित हुआ है.
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शोध के तहत अमेरिका और कनाडा में 64 अध्ययन विश्वविद्यालयों में पुरुषों के दबदबे वाले विभागों में पुरुष और महिला सहयोगियों की 101 जोड़ियों को चुना गया. विभागों के प्रमुखों से सर्वेक्षण में महिला सदस्यों को शामिल करने के लिए कहा गया और उनसे एक पुरुष सहयोगी का नाम बताने को कहा गया, जिनके साथ अक्सर वह काम करती हैं.
महिलाओं से पूछा गया कि, जिन पुरुष सहयोगियों का उन्होंने नाम लिया है वह किस तरह का व्यवहार करते हैं, जैसे कि महिला विरोधी टिप्पणी या भेदभाव पर उनका क्या रुख रहता है? महिलाओं से यह भी पूछा गया कि क्या उन्हें ऐसा लगता है कि सहयोगी उनके काम की तारीफ करते हैं?