संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) सुधारों पर अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) का अब और 'पर्दे' (स्मोकस्क्रीन) के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने देशों की सरकारों के बीच बातचीत के कार्यक्रम को अगले सत्र तक स्थगित करने का फैसला किया है तथा जी-4 देशों (ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान) द्वारा प्रस्तावित एक संशोधन को शामिल करने पर सहमति बनी है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार पर फैसले को आम-सहमति से स्वीकार किया जिसमें अंतर-सरकारी वार्ता के कार्यक्रम को महासभा के 76वें सत्र तक स्थगित करने का फैसला किया गया है जो सितंबर में शुरू होगा.
महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ( Volkan Bozkir,) ने एक ट्वीट में कतर की स्थायी प्रतिनिधि तथा आईजीएन की सह-अध्यक्ष राजदूत आल्या अल-थानी का इसके लिए शुक्रिया अदा किया.
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अत्यावश्यक सुधार के लिए ब्राजील, जापान तथा जर्मनी के साथ मिलकर जोर दे रहा है. भारत 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट चाहता है. वह सुधार के बाद सुरक्षा परिषद में अफ्रीकी प्रतिनिधित्व की भी वकालत करता है.
जी-4 देशों ने मसौदा मौखिक फैसले में इन पंक्तियों को शामिल करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव रखा था कि (...) और दुनिया भर के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्र प्रमुखों तथा शासनाध्यक्षों की सुरक्षा परिषद के सुधार पर चर्चा में नयी जान फूंकने की प्रतिबद्धता.
आईजीएन के कामकाज को अगले सत्र तक स्थगित करने के यूएनजीए के फैसले में जी-4 देशों का प्रस्तावित संशोधन शामिल है. यह समूह यूएनएससी में लंबे समय से प्रतीक्षित सुधारों के लिए गति तेज करने के बहुपक्षीय प्रयासों पर जोर दे रहा है.