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भारतीय-अमेरिकी नागरिक की सलाह- सीएए का नाम बदलकर रखें शरणार्थी कानून

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर लंबे समय से भारत में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस बीच एक प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी नागरिक ने सीएए का नाम बदलकर पड़ोसी देश द्वारा उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक शरणार्थी कानून रखने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे सही धारणा बनेगी, जिसे चुनौती देना मुश्किल होगा.

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प्रतीकात्मक चित्र

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Published : Feb 12, 2020, 10:09 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:39 AM IST

वाशिंगटन : एक प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी नागरिक ने सीएए का नाम बदलकर पड़ोसी देश द्वारा उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक शरणार्थी कानून रखने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे सही धारणा बनेगी, जिसे चुनौती देना मुश्किल होगा.

गैर लाभकारी संगठन ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) के निदेशक खांडेराव कांड की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ भारत में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं.

गौरतलब है कि खांडेराव ने मंगलवार को वाशिंगटन डीसी के उपनगर वर्जीनिया में संशोधित नागरिकता कानून और अनुच्छेद 370 रद किए जाने पर एक चर्चा के दौरान कहा कि सीएए का नाम बदलकर पड़ोसी देश द्वारा उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक शरणार्थी कानून रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सीएए को शरणार्थी कानून के तौर पर पेश करने से सही धारणा बनेगी, जिसे उसके विरोधियों के लिए चुनौती देना मुश्किल होगा. यह नाम उचित होगा क्योंकि यह शरणार्थियों को नागरिकता देता है और किसी से भी नागरिकता नहीं छीनता है.

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आपको बता दें कि सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के चलते 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:39 AM IST

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