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कोविड-19 को लेकर भारत ने बनाई गलत धारणा, समय से पहले हटाया लॉकडाउन : डॉ. फाउची

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Published : May 12, 2021, 5:02 PM IST

अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची का कहना है कि कोविड-19 को लेकर भारत ने गलत धारणा बनाई और समय से पहले लॉकडाउन खत्म कर दिया. समय से पहले देश खोलने की वजह से ही भारत गंभीर संकट में फंसा है.

डॉ. फाउची
डॉ. फाउची

वॉशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने सांसदों से कहा कि भारत ने 'गलत धारणा' बनाई कि वहां कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप समाप्त हो गया है. समय से पहले देश को खोल दिया जिससे वह ऐसे 'गंभीर संकट' में फंस गया है.

भारत कोरोना वायरस की अभूतपूर्व दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है और कई राज्यों में अस्पताल स्वास्थ्य कर्मियों, टीकों, ऑक्सीजन, दवाओं और बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं.

फाउची ने कोविड-19 प्रतिक्रिया पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीनेट की स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम एवं पेंशन समिति से कहा, 'भारत अभी जिस गंभीर संकट में है उसकी वजह यह है कि वहां असल में मामले बढ़ रहे थे और उन्होंने गलत धारणा बनाई कि वहां यह समाप्त हो गया है और हुआ क्या, उन्होंने समय से पहले सब खोल दिया और अब ऐसा चरम वहां देखने को मिल रहा है जिससे हम सब अवगत है किं वह कितना विनाशकारी है.'

बाइडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार हैं डॉ. फाउची

डॉ. फाउची अमेरिका के 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीजेज' (एनआईएआईडी) के निदेशक हैं और राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार भी हैं.

सुनवाई की अध्यक्षता कर रही, सीनेटर पैटी मुर्रे ने कहा कि भारत में हाहाकार मचा रही कोविड-19 की लहर इस बात की दर्दनाक याद दिलाती है कि अमेरिकी यहां तब तक वैश्विक महामारी को समाप्त नहीं कर सकते जब तक कि यह सब जगह समाप्त न हो जाए.

उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि बाइडेन प्रशासन विश्व स्वास्थ्य संगठन में फिर से शामिल होकर वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है. चार जुलाई तक छह करोड़ एस्ट्राजेनेका टीके दूसरे देशों को देने की प्रतिबद्धता जताकर वैश्विक टीकाकरण प्रयासों का वित्तपोषण कर रहा है.'

मुर्रे ने कहा, 'भारत का प्रकोप इस वैश्विक महामारी तथा भविष्य के प्रकोपों के प्रति उचित प्रतिक्रिया देने के लिए अमेरिका में मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे की जरूरत को रेखांकित करता है.'

'स्थिति को कभी भी कम नहीं आंके'

अमेरिका भारत के प्रकोप से क्या सीख सकता है इसपर फाउची ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि स्थिति को कभी भी कम नहीं आंके.'

उन्होंने कहा, 'दूसरी चीज जन स्वास्थ्य के संबंध में तैयारी है, तैयारी जो भविष्य की महामारियों के लिए हमें करनी है कि हमें स्थानीय जन स्वास्थ्य अवसंरचनाओं के निर्माण को जारी रखने की जरूरत है.'

फाउची ने कहा कि एक और सबक जो हमें सीखने की जरूरत है कि यह वैश्विक महामारी है जिसे वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है.

पढ़ें- कोरोना वायरस: फाउची ने भारत में कुछ सप्ताह के लॉकडाउन का दिया सुझाव

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोविड-19 से एक दिन में रिकॉर्ड 4,205 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या 2,54,197 हो गई जबकि कोरोना संक्रमण के 3,48,421 नये मामले सामने आए.

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