वॉशिंगटन :अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग मामले की सीनेट के समक्ष सुनवाई होनी है. महाभियोग के तहत उन पर चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है.
ट्रंप के वकीलों की दलील है कि ट्रंप ने समर्थकों की रैली को संबोधित करने के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया. बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया है कि सदन के महाभियोग प्रबंधक घंटे भर लंबे ट्रंप के भाषण में से सिर्फ उन्हीं हिस्सों को ले रहे हैं, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मामले के लिए मददगार हैं.
वकीलों ने रेखांकित किया कि ट्रंप ने बार-बार अपने समर्थकों से अपील की, वे 'शांतिपूर्ण और देशभक्त तरीके से अपनी आवाज उठाएं.' उन्होंने दलील दी कि ट्रंप की टिप्पणी 'अगर आप जी-जान से नहीं लड़ते हैं तो आप यह देश खोने जा रहे हैं,' चुनाव सुरक्षा के सामान्य संदर्भ में की गई थी, न कि हिंसा के आह्वान के लिए थी. सुनवाई के मद्देनजर कैपिटल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.
वकीलों ने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तकों ने पहले ही छह जनवरी को हिंसा होने का अंदेशा व्यक्त किया किया था, लिहाजा ट्रंप खुद हिंसा के लिए नहीं उकसा सकते थे. ट्रंप के वकीलों की दलील यह भी है कि उन्हें संविधान के पहले संशोधन के तहत संरक्षण मिला हुआ था. साथ में उन्होंने यह भी कहा है कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक है, क्योंकि वह अब पद पर नहीं है.
वकील ये दे रहे दलील