वॉशिंगटन :अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) के समर्थन के साथ डेमोक्रेटिक की अगुवाई (Democratic-led House) में सदन के इराक में सेना के इस्तेमाल के लिए 2002 की मंजूरी को रद्द करने वाले विधेयक को पारित करने की संभावना है. सीनेट के बहुसंख्यक ( Senate Majority Leader) नेता चक शुमर (Chuck Schumer) ने कहा कि वह इस साल सीनेट में इस कानून को लाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, 'इराक युद्ध को खत्म हुए करीब एक दशक हो चुका है. 2002 में दी गई इस मंजूरी की 2021 में कोई आवश्यकता नहीं है.'
व्हाइट हाउस (White House) ने एक बयान में कहा कि वह सदन के विधेयक का समर्थन करता है और अभी चल रही कोई भी सैन्य गतिविधि 2002 की इस मंजूरी पर निर्भर नहीं है. इस दौरान कई सांसदों, विशेष रूप से डेमोक्रेट का कहना है कि 2002 के प्राधिकरण (2002 authorisation), या AUMF का पारित होना एक गलती थी. साथ ही कुछ रिपब्लिकन भी इस बात पर सहमत हैं कि प्राधिकरण को रिकॉर्ड से हटा दिया जाना चाहिए.
कुछ सांसदों का कहना है कि 9/11 के हमलों के बाद आतंकवाद से लड़ने के लिए 2001 में पारित प्रस्ताव पर भी फिर से विचार किया जाना चाहिए.
हाउस बिल के प्रायोजक प्रतिनिधि बारबरा ली डी कैलिफ (Barbara Lee D-Calif) ने कहा कि एक बार जब हम 2002 AUMF को निरस्त कर देते हैं, तो हमें 2001 AUMF को निरस्त करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखनी होगी, ताकि भविष्य के किसी भी राष्ट्रपति के पास हमें अंतहीन युद्धों में डुबोने की एकतरफा शक्ति न हो.
शूमर ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इराक में बल प्रयोग को समाप्त करने वाले कानून का मतलब यह नहीं है कि अमेरिका देश को छोड़ रहा है और इस्लामिक स्टेट समूह ( Islamic State group) के खिलाफ साझा लड़ाई से पीछे हट रहा है.
उन्होंने कहा कि यह उपाय भविष्य में प्रशासन की सैन्य दुस्साहस के रूप में उपयोग करने के लिए कानूनी पहुंच की संभावना को समाप्त कर देगा.
उन्होंने उदाहरण के तौर पर वाशिंगटन द्वारा निर्देशित ड्रोन हमले (Washington-directed drone strike) का हवाला दिया, जिसमें जनवरी 2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी (Iranian Gen Qassim Soleimani) की मौत हो गई थी.
ट्रंप प्रशासन ने कहा कि सुलेमानी हमलों की एक श्रृंखला की साजिश रच रहा था, जिससे पूरे मध्य पूर्व (Middle East) में कई अमेरिकी सैनिकों (American troops) और अधिकारियों को खतरा था.